Breaking News

सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा को मिला टिकट, समर्थकों में उल्लास, तो मुखर होने लगे विरोध के भी स्वर



संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा,बलिया।।भाजपा ने  लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। यूपी के 51 सीटों पर घोषित प्रत्याशियों में सलेमपुर लोकसभा सीट पर सांसद रविंद्र कुशवाहा को भाजपा ने तीसरी बार भरोसा जताया है। समर्थकों में खुशी की लहर  है तो विरोध की आग भी सुलगने लगी है।  श्री कुशवाहा वर्ष 2014 व 2019 में भाजपा के टिकट पर इस सीट से सांसद हैं।

           रविंद्र कुशवाहा 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब सवा दो लाख वोट से जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में एक लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। सलेमपुर संसदीय क्षेत्र में देवरिया जनपद की दो विधानसभा क्षेत्र सलेमपुर, भाटपार रानी तथा बलिया जनपद की तीन विधानसभा क्षेत्र बांसडीह, सिकंदरपुर व बेल्थरारोड (सुरक्षित)आती है। रविन्द्र कुशवाहा के पिता स्व हरिकेवल प्रसाद राजनिति के पुराने खिलाड़ी रह चुके हैं। स्व.हरिकेवल प्रसाद सलेमपुर के चार बार सांसद और दो बार विधायक रहे हैं। वे समाजवादी पार्टी ,जनता दल तथा जदयू से सांसद चुने गए थे। उनके निधन के बाद सपा ने रविंद्र को टिकट देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद रविंद्र भाजपा में शामिल हो गए । भाजपा ने 2014 में रविन्द्र पर भरोसा जताते हुए सांसदी का टिकट दिया था और रविन्द्र भारी मतों से चुनाव जीतकर सलेमपुर सीट पर पहली बार कमल खिलाया था।


सलेमपुर लोक सभा क्षेत्र के इतिहास में चार दशकों तक कांग्रेस का कब्जा रहा, 

1957 में अस्तित्व में आए सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में पहली बार कांग्रेस के विश्वनाथ राय यहां से सांसद चुने गए। 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ पांडेय सांसद बने। 1967 में भी विश्वनाथ पांडेय ने जीत हासिल की। 1971 के चुनाव में कांग्रेस के तारकेश्वर पांडेय ने इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया लेकिन 1977 में जेपी आंदोलन में यह सीट समाजवादियों के पास चली गई और बीकेडी के रामनरेश कुशवाहा को एकतरफा जीत हासिल हुई लेकिन अगले चुनाव में जेपी के लोग बिखर गए और कांग्रेस के रामनगीना मिश्र ने इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया। 1984 में भी रामनगीना मिश्र ने आसानी से यहां जीत हासिल कर ली।1989 के वीपी सिंह की जनता लहर में सलेमपुर भी पूरे देश के साथ जनादेश देने में साथ रहा। इस सीट पर जनता दल के हरिकेवल प्रसाद ने जीत हासिल की। हरिकेवल प्रसाद ने कांग्रेस के दो बार के अजेय सांसद रामनगीना मिश्र को पटखनी दी थी। इमरजेंसी के बाद 1977 के बाद कांग्रेस की यह पहली हार थी जिसके बाद कांग्रेस इस सीट पर जीत के लिए तरस गई। 1991 में दुबारा चुनाव हुए। पूरे देश में राममंदिर निर्माण की बयार बह रही थी लेकिन जनता दल के हरिकेवल प्रसाद इस बार भी जीतने में सफल रहे। दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के रामविलास। 1996 में समाजवादी पार्टी के हरिवंश सहाय ने जीत का परचम लहराया लेकिन 1998 में समता पार्टी के हरिकेवल प्रसाद फिर यहां से सांसद बने।1999 के लोकसभा चुनाव में सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में पहली बार कुशवाहा- ब्राह्मण वर्चस्व टूटा। यहां से राजभर समाज का प्रत्याशी सांसद बना। बहुजन समाज पार्टी ने बब्बन राजभर को मैदान में उतारा था। राजभर ने दलित वोटबैंक को साधा और सांसद बन गए। कुशवाहा बिरादरी के दोनों प्रत्याशियों सपा के हरिवंश सहाय, जदयू के हरिकेवल प्रसाद और ब्राह्मण बिरादरी के कांग्रेस प्रत्याशी भोला पांडेय को हार का सामना करना पड़ा। 2004 में एक बार फिर हरिकेवल प्रसाद सलेमपुर से सांसद बने। वह समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और चुनाव जीत गए। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के भोला पांडेय रहे।2009 में बसपा ने फिर से मास्टर दांव खेला और रमाशंकर विद्यार्थी को मैदान में उतारा। रमाशंकर विद्यार्थी सांसद बने जबकि कांग्रेस के डाॅ.भोला पांडेय दूसरे नंबर पर रहे। हरिकेवल प्रसाद तीसरे नंबर पर खिसक गए।





         सलेमपुर लोक सभा क्षेत्र में लड़ाई से कोसो दूर रहने वाली बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व सांसद हरिकेवल प्रसाद के सुपुत्र रविंद्र कुशवाहा पर दांव लगाया था। बसपा ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के भतीजा रविशंकर सिंह पप्पू को प्रत्याशी बनाया तो सपा ने पूर्व सांसद हरिवंश सहाय को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने डाॅ.भोला पांडेय को टिकट दिया था लेकिन मोदी लहर में पहली बार सलेमपुर क्षेत्र की जनता ने अपने चार बार सांसद रहे पूर्व सांसद समाजवादी नेता हरिकेवल प्रसाद के पुत्र पर भरोसा जताया और भाजपा प्रत्याशी के रूप में उतरे रविंद्र कुशवाहा को भारी मतों से चुनाव जीता दिया। रविंद्र कुशवाहा सांसद बनने के साथ ही पहली बार सलेमपुर में कमल खिला चुके थे। रविंद्र कुशवाहा को 392213 मत मिले तो दूसरे नंबर पर रहे बसपा के रविशंकर पप्पू 159871 मत तो सपा के हरिवंश सहाय को 159688 वोट मिले। कांग्रेस के डाॅ. भोला पांडेय का बुरा हश्र इस चुनाव में हुआ, जनता ने उनको महज 41839 वोट दिए।2019 में भाजपा ने दोबारा रविन्द्र कुशवाहा पर भरोसा जताया , वही सपा बसपा गठबंधन ने आर एस कुशवाहा को मैदान में उतारा,कांग्रेस ने राजेश मिश्रा को , किन्तु कांग्रेस चौथे पर सिमट गई तो सपा बसपा गठबंधन को 112477 वोट से पटकनी देकर रविन्द्र कुशवाहा जीत हासिल कर ली ।