आजादी का अमृत महोत्सव मनाने वाले देश के एक गांव के लोग गंदे पानी में निकलने को अभिशप्त, बलिया का है मामला
बलिया।। जहां देश व प्रदेश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, प्रतिदिन लगभग 100 किमी हाईवे का निर्माण हो रहा है, वही बलिया जनपद का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग पिछले 10 सालों से नाली के गंदे पानी में से आने जाने के लिये अभिशप्त है। राजनेताओं से लेकर नौकरशाहों, सबकी चौखट पर माथा टेक कर इस मुसीबत से निकालने की गुहार लगा चूके है लेकिन आज तक किसी ने भी इनकी गुहार पर ध्यान ही नहीं दिया। इनके लिये देश आर्थिक रूप से विश्व की पाँचवी या तीसरी महाशक्ति बन जाये, कोई मायने नहीं रखती है, इनके लिये गंदे पानी से निजात मिलना, देश को पूरे विश्व में आर्थिक महाशक्ति बनने से जो ख़ुशी मिलेगी, उसके बराबर होंगी।
हम बात कर रहे है जनपद के नसीरपुरकलां नई बस्ती की, जहां के लोग मुख्य मार्ग पर नाली के गन्दे दो फुट गहरे पानी में चलने को मजबूर है जिसका वीडियो आप नीचे देखकर अंदाजा लगा सकते है कि चांद की सतह पर झंडा फहराने वाले देश में एक ऐसा गांव भी है, जहां लोगों को एक साफ सुथरी सड़क भी चलने को मुअस्सर नहीं है। जबकि जनपद दो मंत्री,4 सांसद ( दो लोकसभा दो राजयसभा ) भारतीय जनता पार्टी के ही है।
जिलाधिकारी बलिया को दिये गये पत्रक में ग्रामीणों ने कहा है कि लगता है कि नई बस्ती नसीरपुरकलां के लोग के लिए मुख्य मार्ग अभिशाप बन गया है। मुख्य मार्ग पर नाली का गन्दा पानी दो फुट लगा है। ग्राम प्रधान व खण्ड विकास अधिकारी सोहाँव पानी निकास से अनजान बने हुए है। जब कि गाँव के साथ साथ बाहरी लोग भी उस मार्ग पर नाली के गन्दे पानी में चलने को मजबूर है जब कि मुख्य मार्ग से पानी का निकास अच्छी तरह से हो सकता है। लेकिन ग्राम प्रधान व खण्ड विकास अधिकारी के द्वारा न जाने ग्राम वासियों की किस गलती की सजा दी जा रही है। नई बस्ती नसीरपुरकलां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है जिसमे आप महोदय अपने सज्ञान में लेते हुए गन्दे पानी का निकास कर हम ग्राम वासी को नारकीय जीवन जीने से बचा कर ग्राम विकास में चार चांद लगा सकते हैं।
अब देखना है कि जिलाधिकारी ग्रामीणों की इस समस्या को कितनी जल्दी दूर कराते है। अगर यह समस्या जल्द दूर नहीं हुई तो आम चुनाव के समय ग्रामीणों के आक्रोश व प्रदर्शन को भी जिला प्रशासन को झेलना पड़ेगा।