अपनी उन्नत संस्कृति को आत्मसात करने की आवश्यकता है: प्रो सुषमा
संतोष कुमार द्विवेदी
नगरा, बलिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा परिसर चलो आभियान के निमित्त संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को जय प्रकाश महाविद्यालय में किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ संगठन गोरक्ष प्रांत की पूर्व प्रांत प्रमूख प्रो सुषमा पांडेय ने किया।
कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए प्रो सुषमा पांडेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिक्षा आज इतने वर्षो बाद भी प्रासंगिक है। स्वामी जी का मानना था कि भारत की आध्यात्मिकता का जीवित रहना विश्व के लिए आवश्यक है। आज उसी भारतीय संस्कृति को यूवा भूलते जा रहे हैं। कही कि अपनी उन्नत संस्कृति को पुनः आत्मसात करने की आवश्यकता है। इसी से राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बढ़ाया जा सकता है। अभाविप बलिया एवं देवरिया विभाग के संगठन मंत्री अवनीश राय मानस ने कहा कि विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं राष्ट्र पुनर्निर्माण के भाव के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि संगठन के दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यसमिति एवं कार्यकारी परिषद की बैठक में विद्यार्थियों की परिसर में घटती उपस्थिति को देखते हुए परिसर चलो आभियान की घोषणा की गई थी। परिसर चलो आभियान एक जन आंदोलन है। इसको परिसरों में अध्ययनरत छात्रों के बीच वर्ष भर चलाने की योजना है। जिला प्रमुख संजय पांडेय ने कहा कि सही मायने में शिक्षा का अर्थ चारित्रिक एवं व्यवहारिक विकास है। इसे स्थापित करना पड़ेगा। जिला संगठन मंत्री ऋषभ सिंह, प्रबंधक किरण सोनी, अनुराग तिवारी, धीरज पांडेय, दिव्यांश पांडेय सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।