पोस्टमार्टम के बाद भारी सुरक्षा मे गाजीपुर ले जाया गया मुख्तार का शव, कल पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक होगा शव
जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ इस रूट से निकलेगा काफिला
बांदा ।।मण्डल कारागार में बंद पूर्वांचल के बाहूबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सुनील कौशल ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए इस बात की जानकार दी। उन्होंने बताया कि मुख्तार की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। उन्होंने बताया कि उसे बेहोशी की हालत में यहां लाया गया था। जेलकर्मियों ने उसे उल्टियां आने की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार मुख्तार ने खिचड़ी खाई थी। उसे खून की उल्टी आने की भी चर्चा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई।
यहां बताते चलें कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी बीती देर रात मौत हो गई। परिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, परिवार का गाजीपुर जिले के काली बाग में पारिवारिक कब्रिस्तान है। वहीं पर मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है। जिले में भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। माफिया मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के बाद प्राथमिक रिपोर्ट में हृदय गति से मौत की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदयगति रुकने से ही मौत की बात पता चली है। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर गाड़ियों को कतारबद्ध रही। पोस्टमार्टम के बाद भारी सुरक्षा बल के बीच अंसारी के शव को गाजिपुर के लिए ले जाया गया है। जहां पर कल उनका पारिवारिक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जायेगा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक की बात आई सामने
मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के बाद प्राथमिक रिपोर्ट में हृदय गति से मौत की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम हाउस से निकले चिकित्सकों ने बताया कि पोस्टमार्टम में एक पीजीआई लखनऊ, तीन बांदा जिला अस्पताल व एक मेडिकल कालेज के चिकित्सक समेत पांच सदस्यीय टीम शामिल रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदयगति रुकने से ही मौत की बात पता चली है।
पिता की मौत के बाद भावुक हो गया बेटा उमर अंसारी
मुख्तार अंसारी के मौत के खबर मिलते ही उसका छोटा बेटा उमर अंसारी भावुके हो उठा। कहा कि बीमारी के दौरान उसके पिता से उसको मिलने नहीं दिया। मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी भी पोस्टमार्टम स्थल पर पहुंच गया है। उसके साथ स्वजन भी हैं। माफिया के भाई समेत और स्वजन अब बांदा नहीं आएंगे। एसडीएम सदर समेत तीन मजिस्ट्रेट, कोतवाली बांदा पुलिस, एडीएम वित्त एवं राजस्व, एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र पोस्टमार्टम हाउस के अंदर मौजूद रहे। बड़ी संख्या में पुलिस बल को और बुला लिया गया है।
तैनात रहा भारी पुलिस बल
मुख्तारी अंसारी के शव के पोस्टमार्टम के दौरान बांदा मेडिकल कालेज में पुलिसकर्मी बाडी प्रोटेक्शन, लाठी से लैस हैं। करीब 50 महिला पुलिसकर्मी भी मौके पर हैं। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के भी 100 जवान पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगाई गई बैरिकेडिंग पर तैनात हैं।
बेटे ने लगाया पिता को मारने का आरोप
देर रात बेटे उमर अंसारी ने पिता को धीमा जहर देकर मारे जाने का आरोप लगाया था। कहा था कि उसे स्थानीय पुलिस-प्रशासन व जेल अधिकारियों से न्याय की उम्मीद नहीं है। कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पिता को बीमारी के समय देखने तक नहीं दिया गया। अब शव को कंधा देने के लिए बुलाया गया है।मुख्तार का एक बेटा अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। दूसरा बेटा उमर अंसारी मौत की सूचना के बाद रात दो बजे के करीब बांदा पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि उसके पिता को जेल में धीमा जहर देकर मारा गया। कहा कि मेडिकल कालेज के आइसीयू से निकालकर दबाव के चलते सीधा जेल की तन्हाई बैरक में ले जाया गया जहां उपचार सही नहीं मिला। वहां उपचार सही नहीं मिला और यह हाल हो गए। दबाव के चलते सही से उपचार भी नहीं किया गया है। उमर ने बताया कि प्रशासन की ओर से शव का पोस्टमार्टम शुक्रवार सुबह होने की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि पांच डाक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा। मंगलवार को मुख्तार के मेडिकल कालेज में भर्ती होने की खबर मिलने के बाद बहू निखत बानो और भाई अफजाल अंसारी पहुंचे थे।
25 अक्टूबर 2005 के बाद पिंजरे से नहीं छूट पाया गैंगेस्टर
गौरतलब हो कि 25 अक्टूबर 2005 से गैंगेस्टर मुख्तार अंसारी प्रशासन की कैद में था। ख्ुद जमानत तोड़वाकर जेल गया था। 30 मार्च 2017 को कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा जेल लाया गया था। 21 जनवरी 2020 तक बांदा जेल में बंद रहा। वहां से मुकदमों में पेशी के लिए उसे संबंधित न्यायालय ले जाया जाता रहा। उसकी सुरक्षा को लेकर परिवारीजन सवालियां निशान खड़ा करते रहे। इस पर मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल भेज दिया गया था। योगी सरकार की पैरवी के बाद दो वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अप्रैल 2021 में मुख्तार अंसारी को वापस बांदा जेल लाया गया था। तब से अंसारी चित्रकूटधाम मंडल मुख्यला की बांदा जेल में बंद था। जहां मौत के साथ ही उसका जिंदगी का सफर समाप्त हो गया।