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पुलिस का बेरहम चेहरा आया सामने, अब अधिकारी कह रहे है जांच की बात



बेगूसराय।। भले ही हम आजादी का अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हो,लेकिन बेगूसराय बिहार राज्य की जनता अभी भी अंग्रेजी शासन काल जैसे माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर दिख रही है।दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्यों कि बेगूसराय पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है जिसने पुलिस विभाग को शर्मसार करके रख दिया है।

बता दे कि यह पूरा मामला बलिया थाना क्षेत्र के पोखरिया का है, जहां बीती रात बलिया पुलिस का बेरहम चेहरा सामने आया है।दरअसल पुलिस ने एक घर में सो रहे एक पति-पत्नी को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया। इतना ही नहीं पति-पत्नी के गुहार लगाने के बावजूद भी पुलिस ने उन लोगों को पूरे शरीर पर कपड़ा भी पहनने नहीं दिया। इस पूरी कार्यवाही मे एक भी महिला पुलिस मौजूद नहीं थीं।

 



 

अब इस मामले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। हालांकि मामला सामने आने के बाद वरीय अधिकारी पदाधिकारीयो ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है। पीड़ित संजीव दास एवं उसकी पत्नी संजना देवी ने आरोप लगाया है कि बीती रात बलिया थाने की पुलिस जिसमें सभी पुरुष पुलिस ही शामिल थे उनके घर पहुंचे और दरवाजे को खटखटाना लगे। पति-पत्नी के द्वारा जब परिचय पूछा गया तो उन्होंने जबरन दरवाजा खोलने की बात कही। लेकिन, जब तक पति-पत्नी कपड़ा पहनकर दरवाजा खोलते पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया और संजीव दास को अर्ध निर्वस्त्र अवस्था में ही खींचकर बाहर ले आई।


पति-पत्नी को 2 बजे रात में छोड़ा घर

इतने में ही जब उसकी पत्नी संजना देवी ने विरोध किया तो पुरुष पुलिस के द्वारा ही उसके साथ धक्का मुक्की की गई. संजना देवी ने आरोप लगाया है कि इस दौरान पुलिस कर्मियों के द्वारा उसके साथ मारपीट भी की गई तथा दोनों पति-पत्नी को गाड़ी में बैठाकर बलिया थाने की पुलिस थाने ले आई. पति-पत्नी के द्वारा लगातार अपने ऊपर लगे आरोप के संबंध में पूछा जाता रहा. लेकिन, पुलिस ने कुछ नहीं बताया. इस दौरान पति-पत्नी ने पुलिस के सामने कई बार कहा कि उन पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. लेकिन, फिर भी पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. हालांकि रात्रि के 2:00 बजे के बाद पुलिस गाड़ी में ही दोनों पति-पत्नी को घर छोड़ दिया गया. लेकिन, इस दौरान दंपति को काफी शारीरिक एवं मानसिक यातनाओं से गुजरना पड़ा।



             स्थानीय लोगों में समाया डर


वहीं इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भय व्याप्त है. लोगों ने सरासर पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए कहा है कि आज लोग अपराधियों के भय से पुलिस के पास मदद के लिए जाते हैं. लेकिन, जब पुलिस की भूमिका ही अपराधियों वाली हो जाए तो आखिर लोग किससे मदद की गुहार लगाएंगे। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस बर्बरता की काफी निंदा की है तथा वरीय पदाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.


DSP ने कही मामले की जांच कराने की बात


वहीं बलिया की डीएसपी नेहा कुमारी ने कहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस के द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है. अगर निर्दोष दंपति को सताया गया है और जांच में यह बात सामने आती है तो संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. अब यहां सवाल उठता है कि क्या आचार संहिता का मतलब यह है कि निर्दोष लोगों को पुलिस के द्वारा सताया जाए. सवाल नंबर दो क्या पुलिस का यह कर्तव्य नहीं है कि पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही पुलिस के द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।


पुलिस पर उठने लगे सवाल


सवाल नंबर 3 क्या पुलिस को इतना अधिकार है कि वह बेवजह किसी को भी प्रताड़ित कर सके

फिलहाल जांच में जो भी रिपोर्ट आये और वरीय पदाधिकारी के द्वारा जो भी कार्रवाई की जाए. लेकिन, इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं और अब लोग अपराधियों से ज्यादा पुलिस से भी भयभीत नजर आ रहे हैं।