NCZCC में भारत फाइन आर्ट अकादमी कानपुर की प्रतिध्वनि और लय राष्ट्रीय प्रदर्शनी का भव्य आयोजन
न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल ने प्रतिध्वनि एवं लय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
प्रयागराज। कला का सृजन मानव व मानवता के लिए है आज का सृजन मानवता के विकास की खोज है और उसके लिए कलाकार कला के विविध आयामों से सृजन करता है यह बात प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए माननीय न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल ने कहीं ।भारत फाइन आर्ट अकादमी कानपुर द्वारा आयोजित रेजोनेंस एंड रिदम (प्रतिध्वनि एवं लय) राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन रविवार को गांधी कला वीथिका NCZCC प्रयागराज में मुख्य अतिथि मा.न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल के कर- कमलों द्वारा दीप प्रज्वलितकर एवं फीता काटकर किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि का स्वागत संस्था के निदेशक सुमित ठाकुर ने अंगवस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर किया तथा सभी अतिथियों द्वारा प्रदर्शनी-कैटलॉग का विमोचन हुआ। प्रदर्शनी में शामिल विख्यात् कलाकारों में प्रो. डॉ सुनील सक्सेना, अनूप कुमार सिंह, अनिल सोनी, खुशबू उपाध्याय सोनी, कमलेश वर्मा, मो.सुलेमान, सौमिक नन्दी,पायल चक्रवर्ती नंदी, सुमित ठाकुर, आर.एस.पांडेय , राजीव सेमवाल, शचिकांत झा, रवीन्द्र कुशवाहा, डॉ सचिन सैनी, अर्चना पांडेय, डॉ.कावेरी विज़, सर्वेश पटेल, शिवम प्रजापति के अद्भुत चित्रों को देख दर्शन मंत्र मुग्ध रह गए।
इस भव्य राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का संयोजन कलाकार अर्चना पांडेय का न्यायमूर्ति ने खूब प्रशंसा की और कहा कि संस्था के निदेशक सुमित ठाकुर ने यह शानदार प्रदर्शनी प्रयागराज में लाकर प्रयागराज के कलाकारों का मार्गदर्शन किया है तथा राज्य ललित कला अकादमी के निवर्तमान कार्यकारिणी सदस्य वरिष्ठ कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा के संरक्षण में यह प्रदर्शनी सफलता के नये सोपान गढ़े हैं तथा न्यायमूर्ति ने सभी कलाकारों के चित्रों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। पीयूष पांडेय, रश्मि शुक्ल, राजीव द्विवेदी, शुभम कुशवाहा, नीरज हिंदुस्तानी, स्नेह लता श्रीवास्तव, प्रतिभा पांडेय व शहर के सैंकड़ों कलाकार व गणमान्य-जन ने प्रदर्शनी का रसास्वाद किया।