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रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर : लोकसभा का ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच : योगी

 



कांग्रेस व सपा को जनता वहां पहुंचा देगी, जहां उनका कोई नाम लेने वाला नहीं होगा : सीएम

राम मंदिर को बेकार बताने वाले लोगों की बुद्धि में भर गया है भूसा : सीएम योगी


प्रभु श्रीराम के मित्र निषादराज, महर्षि वाल्मीकि और माता शबरी को भी भरपूर सम्मान दिया है राम भक्त सरकार ने : सीएम योगी


गोरखपुर, 28 मई।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को रामद्रोही बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच है। बकौल सीएम, एक तरफ भगवान राम को नकारने वाले, रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले, राम मंदिर को बेकार बनाने वाले लोग हैं तो दूसरी तरह पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कराकर प्रभु रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराने वाले लोग हैं। राम मंदिर पूरे भारत की सनातन आस्था का प्रतीक है इसलिए आज पूरे देश मे एक ही स्वर सुनाई पड़ रहा है, "रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर"। तुष्टिकरण की राह पर चलने वाली कांग्रेस और सपा को देश की जनता वहां पहुंचा देगी, जहां उनका कोई नाम लेवा नहीं होगा। 


सीएम योगी मंगलवार पूर्वाह्न पीपीगंज में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद व भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में वह प्रचार के लिए देश मे जहां भी गए, हर जगह लोग मोदी जी को भरपूर समर्थन देते मिले। हर क्षेत्र से एक ही आवाज गूंज रही है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो राम मंदिर पूरे भारतवर्ष के लोगों के लिए गौरव है, उसे लेकर कांग्रेस कहती है कि यह मंदिर नहीं बनना चाहिए था इससे दुनिया में गलत संदेश गया है। वहीं समाजवादी पार्टी कहती है कि राम मंदिर बेकार बना है। सीएम योगी ने इन बयानों के लिए कांग्रेस-सपा पर प्रहार करते हुए कहा राम मंदिर तो ठीक बना है लेकिन राम मंदिर को बेकार बताने वाले लोगों की बुद्धि में भूसा भर गया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव राम भक्तों और रामद्रोहियों के बीच जा चुका है। एक तरफ राम और राम मंदिर का विरोध करने वाले रामद्रोही लोग हैं। वहीं दूसरी तरह राम की सेवा करने वाले, रामलाल को विराजमान करने के लिए 500 वर्षों की प्रतीक्षा के कालखंड को समाप्त करने वाले रामभक्त हैं। ये वो रामभक्त हैं जिन्होंने रामलला के विराजमान होने से पहले अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनवाया, श्रीराम के सखा निषादराज के नाम पर प्रतीक्षालय बनवाया, माता शबरी के नाम पर भोजनालय बनवाया। ये वो रामभक्त हैं जो प्रयागराज में निषादराज की 56 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित कराते हैं, निषादराज को पूरा सम्मान देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे में निषादराज के कोई भी अनुयाई रामद्रोहियों के साथ खड़े नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि चुनाव में रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग आज आपके आंख में धूल झोंकने का प्रयास करेंगे, लेकिन बहकावे में नहीं आना है।



रामद्रोहियों की होती है दुर्गति, रामभक्त का प्रभु कराते हैं प्रगति

सीएम योगी ने कहा कि रामद्रोही कभी चैन से नहीं बैठ पाया है। वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितना ही ताकतवर हो, उसकी दुर्गति जरूर हुई है, उसका पतन जरूर हुआ है। उन्होंने कहा कि जबकि रामभक्त प्रभु के आशीर्वाद से प्रगति पर ध्यान देते हैं। आज रामभक्त देश के विकास के लिए, टूलेन से लेकर ट्वेल्व लेन सड़क बनाने के लिए, एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, एयरपोर्ट बनाने के लिए, हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए, औद्योगिकीकरण के लिए काम कर रहे हैं। रामभक्त मोदी सरकार  ने चार करोड़ गरीबों के मकान बनवाए, जो बच गए हैं उन्हें चार जून के बाद सरकार बनने पर मिल जाएंगे। गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना, धुएं से मुक्ति के लिए उज्ज्वला योजना से निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन रामभक्त सरकार की ही देन है। कहा कि 4 जून को जब फिर से रामभक्तों की सरकार बनेगी तो 70 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा।


रामभक्त थे वीर बहादुर सिंह, कांग्रेस ने इसी कारण सीएम पद से हटाया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस ने स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह को इसलिए सीएम पद से हटाया था कि स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह रामभक्त थे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलवाने में अपना योगदान दिया था। इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था। 

 सबको पता है कांग्रेस-सपा शासन की हकीकत

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ रामभक्तों के द्वारा किए गए कार्य हैं तो दूसरी तरफ रामद्रोहियों के शासन में क्या होता था, यह भी सबको पता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार प्रदेश में थी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब गरीब भूख से मरता था, किसान आत्महत्या करता था, नौजवान पलायन करता था, बेटियां और व्यापारी सुरक्षित नहीं थे।  गरीब को मकान नहीं मिलता था, पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी, इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से मासूम तड़प तड़प कर दम तोड़ता था। आतंकवादी घटनाएं होती थीं। अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में संकटमोचन मंदिर पर हमला समाजवादी पार्टी की सरकार में हुआ था। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद में आतंकी विस्फोट कांग्रेस की सरकार में हुए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तब लगातार घटनाएं होती थी और हम संसद में मुद्दों को उठाते थे। कांग्रेस सरकार कहती थी आतंकवादी सीमा पार के हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबकि आज मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद और नक्सलवाद समाप्त हो गया है। आज दुनिया मे भारत का सम्मान बढ़ा है, आतंकवाद, नक्सलवाद समाप्त हुआ है, तो यह सब मोदी जी की देन है।


देश बाबा साहब के संविधान से ही चलेगा, पर्सनल लॉ से नहीं

सीएम योगी ने कहा कि एक देश को सुरक्षित, ताकतवर बनाने के साथ दुनिया में नए प्रतिमान स्थापित करने  वाली मोदी सरकार है तो दूसरी तरफ भारत के खिलाफ षडयंत्र करने वाले कांग्रेस और सपा का गठबंधन है। इनके इनका घोषणा पत्र में कहा गया है कि ये सत्ता में आएंगे तो पर्सनल लॉ लागू करेंगे। पर्सनल लॉ मतलब तालिबानी शासन जिसमें बेटी स्कूल नहीं जा सकती, महिलाएं बाजार नहीं जा सकतीं, बुर्के के अंदर घर के अंदर रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से चलेगा, किसी शरीया कानून से नहीं। भाजपा इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी भी स्थिति में बाबा साहब के संविधान के साथ कांग्रेस और सपा को छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस और सपा इसलिए सत्ता प्राप्त करना चाहती है जिससे जीतेंगे तो मिलकर लूटेंगे। जीतेंगे तो पिछड़े और अनुसूचित जाति के आरक्षण का अधिकार मुसलमान को देंगे। यह हरगिज नहीं होगा। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था क्या धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। 


पीपीगंज क्षेत्र से अपने भावनात्मक संबंध का किया उल्लेख

सीएम योगी ने अपने संबोधन की शुरुआत ही पीपीगंज क्षेत्र से अपने भावनात्मक जुड़ाव के उल्लेख के साथ की। कहा कि पीपीगंज पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह की कर्मभूमि रही है। साथ है यह पूर्व की पनियरा और मानीराम विधानसभा क्षेत्र का जंक्शन भी है जहां एक तरफ से स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह और दूसरी तरफ से उनके पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी महाराज प्रतिनिधित्व करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों महापुरुषों ने इस धरा को विकास की मुख्य धारा के साथ जोड़कर के यहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है। सीएम ने कहा कि क्षेत्र के लोग उनके परिवार के लोग हैं और यहां उनकी औपचारिक भाषण देने की इच्छा नहीं होती है। यहां आने पर उनके मन में सिर्फ लोगों के द्वारा किए गए संघर्ष और उसके परिणामस्वरुप आए बदलाव को लेकर भाव होता है। यहां उन्हें बार-बार आना अच्छा लगता है। 2017 के पहले टूटी और खराब सड़कों की जगह अब मजबूत चमचमाती टूलेन, फोरलेन सड़कों को देखकर अच्छा लगता है। क्षेत्र में स्कूल, इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, स्टेडियम, बाढ़ बचाव की सुविधा देखकर अच्छा लगता है। इन सुविधाओं से लोगों को लाभ मिलता हुआ देखकर उन्हें अच्छा लगता है। 


 भावुक होकर बोले सीएम, कमल चुनाव चिह्न ही पर्याप्त

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भावुक होकर कहा कि वह इस क्षेत्र के लोगों के मन को जानते हैं इसलिए यहां पर सिर्फ उपस्थिति दर्ज करने आए हैं। यहां के लोगों के लिए कमल चुनाव निशान ही पर्याप्त है। कमल के अलावा और कोई गुंजाइश नहीं है। यहां के लोगों ने मुझे पांच बार सांसद बनाया है और पिछले चुनाव में रवि किशन शुक्ला को सांसद चुना। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि क्षेत्र के लोग रवि किशन को भारी बहुमत से सांसद बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा यह वर्ष हमारे लिए विशेष है। गोरखपुर से जो आंदोलन 1949 और 1983 से प्रारंभ हुआ था, 1986 में जब स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे जब मंदिर का ताला खुला था। आज जब उस स्थान पर प्रभु श्रीरामलला विराजमान हो गए हैं तो उस साल होने वाले चुनाव में गोरखपुर में रिकॉर्ड वोट मिलने चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक व्यक्ति को अगले तीन दिन तक कम से कम 10 परिवारों से संपर्क करने और मतदान के दिन उन सभी का वोट सुबह 10 बजे तक डलवाने की अपील की। 

इस अवसर पर सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, डुमरियागंज के सांसद एवं प्रत्याशी जगदंबिका पाल, एमएलसी सलिल विश्नोई, कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह, यूपी कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन जितेंद्र बहादुर सिंह, अश्वनी त्रिपाठी, रमाकांत निषाद, विजय शंकर यादव, बृजेश यादव, अश्वनी जायसवाल, संजय सिंह गोरख सिंह, लक्ष्मण विश्वकर्मा, मृत्युंजय सिंह, बृजभूषण मिश्रा, महेंद्र मिश्रा, मकसूदन मिश्रा आदि भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।