रसड़ा के अतिक्रमणकारियों पर कब चलेगा बाबा का बुलडोजर, स्थानीय प्रशासनिक अमला कुम्भकर्णी निद्रा मे
रिपोर्ट अखिलेश सैनी
रसड़ा बलिया।। जनता को विश्वास था कि प्रदेश में योगी सरकार बनने से भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों पर पूर्णतः नकेल कसी जायेगी लेकिन धरातल पर ऐसा अब तक कुछ भी नहीं देखने को मिल रहा है। प्रदेश सरकार या तो भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने में विफल है या फिर सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए कुछ सरकारी कर्मचारी अमादा हैं। छोटी काशी रसड़ा शहर की सूरत ए हाल बिगाड़ने में जितना योगदान अतिक्रमणकारियों का है उतना ही योगदान स्थानीय पुलिस - प्रशासन का। ये बात नीम की तरह कड़वी है किन्तु ध्रुव सत्य भी। रसड़ा पुलिस - प्रशासन से शहर मुंसफ मोड़ सहित शहर के अन्य स्थलों से अतिक्रमण तो हट नहीं पा रहा है। अब लोगों का कहना है कि देखते है कब बाबा का बुलडोजर यहां चलकर आम लोगों कों अतिक्रमण से मुक्त दिलाता है।
जिसकी वजह से रोजना अतिक्रमण से उत्पन्न जाम में घण्टों स्कूल बस, एम्बुलेंस सहित अन्य महत्वपूर्ण वाहन फंसे रहते हैं। जिसकी वजह से रसड़ा का सूरत ए हाल बिगड़ा हुआ है। आपको बताते चलें कि बीते वर्ष अतिक्रमण पर योगी सरकार का बुल्डोजर चला था। जिसकी वजह से शहर की सुंदरता और रौनक लौट आई थी। बाबा के बुल्डोजर ने सरकारी संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा कर बनें दुकान मकान को नेस्तनाबूत कर दिया था। लेकिन अब पुनः अतिक्रमणकारियों का हौसला बुलंद हो चला है। फिर से सरकारी संपतियों पर अतिक्रमण का बाज़ार सज गया है। आपको बताते दें कि रसड़ा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत तो बुल्डोजर से ढहाए गए अतिक्रमण की इमारतें फिर से बुलंद हो गई हैं।
गौरतलब हो कि रसड़ा थाना कोतवाली व नगर पालिका कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर मुंसिफ तिराहा है। जिसके पास अवैध रूप से फल विक्रेताओं ने अपना दुकान जमा रखा है। सड़क के किनारे सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण कर स्थाई रूप से ठेले पर फल की दुकानें सजी पड़ी हैं। रसड़ा शहर का सबसे व्यस्ततम तिराहा होने के नाते इन अतिक्रमणकारियों की वजह से आए दिन घंटों जाम लगा रहता है। वहीं नगर पालिका की नाली की पटरियों पर तो सड़क के किनारे पैदल मार्ग पर अति अतिक्रमण होने की वजह से बाज़ार में बच्चे,बूढ़े और महिलाओं को पैदल चलने में काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ती है। सनद हो कि मुंसिफ तिराहा के ठीक बगल में रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। जहां पर एंबुलेंस को पहुंचने के लिए घंटों जाम में फसना पड़ता है। अतिक्रमणकारियों की वजह से जाम की भयंकर स्थिति हमेशा पैदा होती रहती है। जिसमें स्कूल वाहन, एंबुलेंस जैसी महत्वपूर्ण वाहनें घंटों फंसी रहती है। नगर के सम्भ्रांत लोगों का कहना है कि मुंसफ न्यायालय की जमीन पर अवैध रुप से सजी़ फलों की दुकानों की वजह से जाम व वाहन खड़ा करने जैसे फजीहत से सामना करना पड़ता है।अतिक्रमणकारी आय दिन वादकारियों से वाहन खड़ा करने को लेकर झगड़ते रहते हैं।
वहीं रसड़ा प्रमुख प्यारे लाल चौराहा पर पुलिस बूथ व डिवाइडर से सटे ठेला अतिक्रमणकारियों की वजह से जाम व सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनीं रहती है। आम लोगों का यह आरोप है कि अतिक्रमणकारियों द्वारा अफसरों को सेब ,संतरे इत्यादि फल खिलाए जाते हैं तभी तो इतने दिनों से अवैध दुकानों को हटाने की मांग का अब तक कोई फल नहीं आया। स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द अतिक्रमणकारियों को हटाया जाय नहीं तो आंदोलन पर बाध्य होंगे। मुंसिफ तिराहे पर स्थित मुंसिफ मस्जिद के प्रवेश द्वार के ठीक सामने सड़क पर फल विक्रेता ठेला लगाकर आवागमन के मार्ग को बाधित करता रहता है। स्थाई रूप से लग रहे इस ठेले की वजह से भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।
रसड़ा के प्रबुद्ध वर्ग का कहना है कि शहर की सूरत बिगाड़ने वाले अतिक्रमण पर बाबा का बुल्डोजर आखिर क्यों नहीं चल रहा है। मीडिया के लोग बार - बार समाचारों के माध्यम से पुलिस - प्रशासन को यह बताने का काम किए हैं कि रसड़ा में अतिक्रमण से आम जनता को कितना नुकसान है फिर भी पुलिस - प्रशासन खामोश है। शहर में चर्चा है कि आखिर पुलिस प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों के आगे घुटने क्यों टेके हैं? क्या वजह है कि अतिक्रमण पर पुलिस - प्रशासन का कानूनी हंटर नहीं चल पा रहा है! केवल आम आदमी के ही नसीब में सारी समस्याएं क्यों ? ऐसे तमाम प्रश्न व चर्चा बाजार में जोरो पर है।