राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का शुभारम्भ करते हुए बोले जिलाधिकारी बलिया :जहां शिक्षा जीवन को देती है उच्चता, तो खेल जीवन को करता है अनुशासित
सनबीम स्कूल बलिया : तीन दिवसीय राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का हुआ आगाज
बलिया।।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है, इसीलिए आज वर्तमान समय में शिक्षा के साथ खेलों को भी आवश्यक मानते हुए उसे भी पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।बलिया का सनबीम स्कूल अपने विद्यार्थियों के हित में किए जा रहे सराहनीय कार्यों के लिए सदैव ही चर्चा की केंद्रबिंदु बना रहता है।विद्यालय सदैव ही आधुनिक शिक्षा प्रणाली को दृष्टिगत रखते हुए पठन पाठन के साथ विभिन्न गतिविधियों को भी विद्यार्थियों द्वारा करवाता है ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके।इसी क्रम में अपनी विद्वता का परिचय देने वाले विद्यार्थियों हेतु जिले में पहली बार सनबीम स्कूल के प्रांगण में राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 10 जुलाई को मुख्य अतिथि जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा तुलसी वेदी पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान विशिष्ठ अतिथि के रूप में बीएसए मनीष सिंह,जिला शतरंज संगठन के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह,उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह,सचिव उमेश सिंह तथा युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ राजेश सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।
तत्पश्चात विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह तथा प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट देकर किया। इस अवसर पर डॉ राजेश सिंह ने सनबीम के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह को स्वलिखित उपन्यास चॉक सी नाचती जिंदगी उपहारस्वरूप भेंट की।
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी बलिया ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी खिलाड़ियों एवं विद्यालय के कक्षा छः से आठ तक के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि शिक्षा जीवन को उच्चता देती है तो खेल जीवन को अनुशासित करता है।खेल वह मध्यम है जिससे शारीरिक एवं मानसिक दोनों विकास होते हैं। शतरंज का महत्व समझाते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि शतरंज वह खेल है जिससे हमारी सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है,स्मरण शक्ति तेज होती है, मस्तिष्क स्थिर रहता है तथा समस्या समाधान की शक्ति विकसित होती है। इस लिये सभी को निरंतर शतरंज का खेल खेलते रहना चाहिए। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया, जिसमे क्रमशः राम आयेंगे तथा दीवा नृत्य की प्रस्तुति की गई।
विदित हो कि विद्यालय की बालिकाओं ने अपने दीवा नृत्य की प्रस्तुति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता एएफएस में द्वितीय स्थान प्राप्त किया गया था।आज इस कार्यक्रम में उन बालिकाओं को बीएसए बलिया द्वारा सम्मानित किया गया।
इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता (अंडर 15) बालक बालिका वर्ग तथा ओपन बालक बालिका वर्ग में खेल आयोजित होगा,जिसमे पूरे उत्तर प्रदेश से लगभग 200 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया है । प्रतियोगिता में ऑर्बिटर के रूप में लखनऊ के इंटरनेशल ऑर्बिटर हेमंत शर्मा, लखनऊ के फेडरेशन ऑर्बिटर आनंद सिंह, रायबरेली के आदित्य कुमार दुबे तथा ओंकार सिंह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह गामा तथा प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने सभी आर्बिटरों को पुष्पगुच्छ एवम स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
अपने स्वागत संबोधन में विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने सभी अतिथियों का अपना बहुमूल्य समय व योगदान देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही कार्यक्रम में पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि खेल में सफल विद्यार्थियों हेतु मेडल ट्रॉफी के साथ ही शीर्ष पांच खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा जो क्रमशः आठ हजार, छः हजार,पांच हजार,चार हजार एवम दो हजार है।
इस कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के सभी खेल अध्यापक क्रमशः पंकज कुमार सिंह,आशीष गुप्ता,तरुण सक्सेना,कमल यादव ,राजेश, अबू सईद, कुमारी बबीता,प्रीती गुप्ता,प्रिया आदि की भूमिका महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के सुव्यवस्थित रूप से संपूर्ण संचालन में विद्यालय प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी,विद्यालय डीन श्रीमती शहर बानो, हेडमिस्ट्रेस श्रीमती नीतू पाण्डेय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।