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रास्ते क्रिटिकल, अटैंडेंस डिजिटल, नहीं चलेगा :डिजिटल हाजिरी सहित डिजिटलीकरण को तत्काल निरस्त करने,अविलंब पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगो कों लेकर शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक संयुक्त मोर्चा ने भरी हुंकार

 



बलिया।। शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश की जनपदीय इकाई बलिया के तत्वावधान में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से आज प्रेषित किया गया। मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से- डिजिटल हाजिरी सहित डिजिटलीकरण को तत्काल निरस्त करने,अविलंब पुरानी पेंशन बहाली,वर्षों से अटकी पदोन्नति प्रकिया को पूर्ण करने,निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा एवं सामूहिक बीमा,शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करना,हॉफ डे आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश प्रदान करने,शिक्षामित्र-अनुदेशक साथियों को नियमित कर समान वेतन देना,स्थानांतरण करना आदि माँगे की गई है।




संयुक्त मोर्चा में शामिल  संगठनों के प्रतिनिधियों एक स्वर में कहा कि इस अव्यवहारिक आदेश को लागू करने के लिए शिक्षकों पर दंडात्मक कार्यवाही का भय दिखाकर उपस्थिति देने के लिए बाध्य किया जा रहा है। बंद कमरों में बैठकर ऐसा अव्यवहारिक आदेश जारी करने से पहले शिक्षक प्रतिनिधियों से बात कर लेना भी आवश्यक नहीं समझा गया कि आनलाइन उपस्थिति में जमीनी स्तर पर क्या-क्या समस्या हो सकती है। प्रदेश के बहुत से ऐसे क्षेत्र  हैं जहां आज भी बिजली और मोबाइल का कोई भी नेटवर्क नहीं है।बहुत से विद्यालय ऐसे हैं जहां छत पर चढ़कर नेटवर्क तलाशना पड़ता है, प्रदेश के बहुतेरे विद्यालय ऐसी जगहों पर स्थित है जहां पहुंचने के लिए कई सवारियां बदलनी पड़ती है बहुतेरे विद्यालयो की भौतिक स्थिति ऐसी है जहां बरसात के मौसम में जलभराव हो जाता है,उत्तम प्रदेश होने के बावजूद बहुत से विद्यालयो में पहुंचने के लिए आज भी दुर्गम रास्तों से पैदल ही जाना पड़ता है| 



कहने का आशय यह है हमारा कान्वेंट विद्यालयों एवं अन्य सरकारी विभाग से तुलना करना उचित नही है| हम सबके पास भौतिक सुविधाओं का अभाव है।  हमारी समस्याओं को जमीनी स्तर पर उतर कर देखना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के लिए कोई आवास की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है घर से निकल कर विद्यालय तक पहुंचने में कभी क्रासिंग का बंद हो जाना, कभी वेवजह जाम का सामना करना, कभी भारी बारिश का आ जाना, कभी आंधी-तूफान से प्रभावित होना, कभी घने कोहरे का सामना करना, कभी कभी गाड़ी आदि का रास्ते में धोखा दे जाना, कभी अपने ही साथियों के साथ सड़क पर दुर्घटना आदि का हो जाना, तो क्या ऐसी स्थिति में हम मानवता को ताक पर रखकर उसकी मदद भी ना करें, ऐसे ही बहुत सी दिक्कतों का सामना ना चाह कर भी करना पड़ जाता है| हमारे पास कोई भी हाफ डे सी एल नही है,हो सकता है किसी कारण वश सुबह देर हो जाए या फिर विद्यालय आने के बाद कोई अपरिहार्य स्थिति पैदा हो जाए तो कोई विकल्प नहीं होता।इन समस्याओं के निराकरण के अभाव में सरकार के तानाशाही फरमान को मानना संभव नहीं है।



इस ज्ञापन कार्यक्रम में संयुक्त मोर्च,बलिया के संयोजक गण सर्व श्री अजय कुमार सिंह,समीर कुमार पाण्डेय,घनश्याम चौबे,राजेश सिंह,अनु सिंह,निर्भय नारायण सिंह,सतीश कुमार सिंह,अजीत प्रताप यादव, अंजनी कुमार मुकुल,तेज बहादुर पाण्डेय,मुकेश उपाध्याय, पंकज सिंह,शमशाद अली, श्रमिक समन्वय समिति से अजय सिंह,अविनाश उपाध्याय,सचिव अरुण कुमार सिंह,कोषाध्यक्ष विनय राय, सह संयोजक राकेश कुमार मौर्य,धीरज राय,पारस नाथ चक्रवर्ती रफीउल्लाह,संजीव कुमार सिंह,अकिलुर्रहमान खान,मलय पाण्डेय,लाल बहादुर शर्मा,पंकज सिंह,रंजना पाण्डेय,अखिलेश सिंह,मुकेश सिंह,रामनिवास यादव(PWD)सहित हजारों शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी साथी उपस्थित रहे।