गोंड, खरवार को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कों सौंपा ज्ञापन
बलिया।। भारत के राजपत्र, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन अधिनियम-2002 के द्वारा बलिया जिले में निवास करने वाले गोंड, खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गयी है जिसके अनुपालन में इस समुदाय को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र निर्गत होता रहा है लेकिन इस समय वर्तमान में गोंड, खरवार समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने में तहसीलदार व लेखपाल द्वारा हीला-हवाली, अनावश्यक रूप से परेशान व उत्पीड़न किया जा रहा है। जाति प्रमाण-पत्र हेतु आॅनलाईन आवेदन करने पर आवेदन निरस्त /अस्वीकृत कर दिया जा रहा है। जाति प्रमाण-पत्र के अभाव में जनजाति गोंड, खरवार के छात्र नौजवान अगली कक्षा में प्रवेश, छात्रवृत्ति व नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन करने से वंचित हो जा रहे है।
ज्ञात हो कि धरना प्रदर्शन आन्दोलन के दौरान 08 जनवरी 2024 को तत्कालीन जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार जी द्वारा भी गोंड, खरवार को शासनादेश के अनुसार अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने हेतु आदेश/निर्देश दिया गया था। उस दौरान कुछ गोंड अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र निर्गत भी हुए लेकिन इस समय वर्तमान में फिर जाति प्रमाण-पत्र निर्गत करने में तहसीलदार व लेखपालगण द्वारा शिथिलता बरती जा रही है जिसकी वजह से आर्थिक रूप से कमजोर गोंड, खरवार छात्र नौजवान अपनी जाति प्रमाण-पत्र के लिए दर-दर भटक रहे है, तहसील का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके है। ऐसी स्थिति में 01 जून 2024 को आॅल गोंडवाना स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (आगसा) के अध्यक्ष मनोज कुमार शाह के नेतृत्व में नावागत जिलाधिकारी प्रवीन कुमार लक्षकार के हाथों में एक प्रपत्र, ज्ञापन सौंपा गया तथा तत्काल सुगमतापूर्वक गोंड, खरवार को शासनादेश के अनुपालन में जनजाति का प्रमाण-पत्र निर्गत/जारी करने की मांग की गयी।
जिलाधिकारी प्रवीन कुमार लक्षकार ने इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए पूरे मामले का निस्तारण करने हेतु अपर जिलाधिकारी को लिखित रूप से निर्देशित किए। जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन देने पहुॅचे आॅल गोंडवाना स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (आगसा) के अध्यक्ष मनोज कुमार शाह ने कहा कि तहसील शोषण, उत्पीड़न का अड्डा बन कर रह गया है। तहसीलदार व लेखपालगण द्वारा खुलेआम भारत के राजपत्र, संविधान, शासनादेश की अवहेलना की जा रही है। भाजपा शासन में घोर अराजकता व जनजाति गोंड, खरवार का उत्पीड़न चरम पर है। आगे कहा कि यदि सुगमतापूर्वक संविधान, शासनादेश के अनुपालन में गोंड, खरवार को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी करना प्रारम्भ नहीं किया गया तो जिले के जनजाति गोंड, खरवार समुदाय के छात्र नौजवान अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी तहसील प्रशासन, जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी। इस दौरान प्रमुख रूप से अरविन्द गोंडवाना, सुरेश शाह, शिवजी प्रसाद, अशोक कुमार, रवि कुमार, सुधीर गोंड, अरविन्द गोंड, हरिशंकर गांेड, रामजी गोंड, सुमेर गोंड रहे।