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दया बाबू को सीएमओ ने करायी ज्वाइनिंग : सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं : दया बाबू

 


मधुसूदन सिंह 

बलिया।। लगभग चार साल की लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद अंततः दया बाबू ने अपनी कुर्सी को फिर से प्राप्त कर लिया। निलंबन, बर्खास्तगी को कई बार झेलने के बाद भी दया बाबू ने जो जीवटता दिखायी और जीत हासिल की, वह अपने आप मे एक मिशाल है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद दया बाबू ने भारतीय न्याय व्यवस्था को विश्व की सर्वोच्च न्याय प्रणाली बताते हुए कहा कि मुझे पूरा भरोसा था कि माननीय न्यायालय से मुझे न्याय जरूर मिलेगा। कहा कि मुझे विश्वास था कि अगर आप सत्य की डगर पर है तो परेशान हो सकते है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है, जो मेरे केस मे शत प्रतिशत सत्य साबित हुआ।

बता दे कि माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज की डबल बेंच के आदेश के बाद भी ज़ब दया बाबू को स्वास्थ्य महकमा कार्य पर वापस नहीं लिया तो इन्होंने प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत , निदेशक प्रशासन और सीएमओ बलिया के विरुद्ध कोर्ट की अवमानना का वाद दायर कर दिया था। इसी वाद के दाखिल होने के बाद शासन ने दया बाबू को पिछले बकाया वेतन के साथ बहाल करने का आदेश निदेशक प्रशासन को दिया। 

निदेशक प्रशासन ने इस आदेश के बाद 30 जनवरी 2020 को दबलिया से चित्रकूट किया गया या बाबू  का स्थानांतरण आदेश को निरस्त करते हुए दया बाबू को ज्वाइनिंग कराते हुए नियमित रूप से वेतन भुगतान और जिस अवधि का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, उसका प्रस्ताव बनाकर तत्काल महानिदेशक को भेजनें का निर्देश सीएमओ बलिया को दिया। इस आदेश मे खास बात यह है कि आदेश की कॉपी सीएमओ बलिया को दया बाबू को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।

यह भी बता दे कि पिछले चार सालों मे दया बाबू की यह 5 वी ज्वाइनिंग है। दया बाबू ने माननीय कोर्ट के आदेश पर 3 जुलाई 2021 को ज्वाइनिंग किया। माननीय कोर्ट ने 2 जुलाई 2021 को 30 जनवरी 2020 के बलिया से चित्रकूट स्थानांतरण पर रोक लगा दी थीं।

इसके कुछ दिनों बाद दया बाबू को फिर से काम करने से सीएमओ द्वारा रोक दिया गया। इसके खिलाफ दया बाबू फिर माननीय उच्च न्यायालय गये जहां से आदेश लेकर पुनः कार्यभार 22 सितम्बर 2021 को ग्रहण किया। लेकिन एक बार फिर इनके खिलाफ साजिश हुई और पुनः इनको कार्य करने से कुछ दिनों बाद रोक दिया गया। इनके खिलाफ तमाम आदेश जारी किये गये, नोटिस तक चस्पा की गयी और चित्रकूट जाकर कार्यभार ग्रहण न करने के कारण बर्खास्त कर दिया गया।

झंझावतों और मुश्किलों से लड़ने के आदी हो चूके दया बाबू ने हार नहीं मानी और फिर माननीय उच्च न्यायालय मे अवमानना का वाद दायर किया। कोर्ट ने एक बार फिर से दया बाबू के पक्ष मे फैसला दिया, जिसके आधार पर 5 जून 2023 को दया बाबू ने कार्यभार ग्रहण किया। यह कार्यकाल भी लम्बा नहीं चला और दया बाबू को एक बार फिर से कार्य करने से रोक दिया गया। लेकिन हार न मानने वाले दया बाबू ने फिर से कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च 2024 को कार्यभार ग्रहण किया।

दया बाबू से खार खाये तत्कालीन निदेशक प्रशासन ने फिर दया बाबू को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे दया बाबू ने माननीय उच्च न्यायालय मे अवमानना याचिका दायर करके न्याय की गुहार लगायी। इसी याचिका मे कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए शासन ने भी दया बाबू के पक्ष मे आदेश जारी किया। शासन से जारी आदेश के बाद निदेशक प्रशासन ने सीएमओ बलिया को आदेश दिया कि दया बाबू को तत्काल कार्यभार ग्रहण कराया जाय। इसी क्रम मे बुधवार 24 जुलाई 2024 को सीएमओ बलिया ने दया बाबू को कार्यभार ग्रहण कराया।