सीएचसी खेजूरी प्रभारी की बढ़ी मुश्किलें, समाजसेवी द्वारा मुख्यमंत्री से की गयी सरकारी आवास मे रहने के वावजूद हाउस रेंट लेने की शिकायत पहुंची डीएम के पास
बलिया।। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेजूरी के प्रभारी डॉ रत्नेश सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली है। स्थानीय समाजसेवी व अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ खेजूरी संतोष सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर यह आरोप लगाया है कि लगभग 10 वर्षो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेजूरी पर तैनात प्रभारी डॉ रत्नेश सिंह सरकारी आवास मे रहने के वावजूद प्रतिमाह एचआरए खुद ही बिल वेरीफाई करके आहरित कर रहे है। बता दे कि जून माह तक इन्होंने एचआरए आहरित भी किया है।इसके साथ ही इनके द्वारा सरकारी पर्ची पर बाहर की महंगी दवाएं और जांच लिखें जाने की भी शिकायत संतोष सिंह ने मुख्यमंत्री से की है। इन पर शुक्रवार से सोमवार 12 बजे तक अस्पताल से गायब रहने की भी शिकायत की गयी है। यह भी सूच्य हो कि खेजूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इनके गायब रहने से रविवार को लगने वाला मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला भी नहीं लगता है।
इसके साथ ही बलिया मे स्वास्थ्य विभाग मे सरकारी धन को अपने फायदे के लिये आहरित करके गबन करने का एक चलन बन गया है। जांच मे दोषी पाये जाने बाद भी उसको वापस न तो सरकारी खजाने मे जमा किया जाता है और न ही आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही ही बता दे दुबहड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगभग 11 लाख का किराया घोटाला हुआ है। तत्कालीन प्रभारी के खिलाफ न तो अनुशासनात्मक कार्यवाही हुई है और न ही गबन की गयी सरकारी धनराशि ही खजाने मे जमा की गयी है। यही नहीं यहां पर कई ऐसे अस्पताल है जहां कार्मिक लगभग 17 सालों से एक ही जगह और एक ही पटल पर अधीक्षक व बड़े बाबुओ की मदद से तैनात है। प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा स्थानांतरण नीति से अच्छादित कार्मिको की सूची लखनऊ मंगाई जाती है लेकिन बड़े बाबुओ और अधीक्षकों की मेहरबानी से सेटिंग वाले कार्मिको का नाम जाता ही नहीं है।
अब देखना है कि वर्तमान जिलाधिकारी ऐसे कार्मिको और चिकित्साधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करते है?