Breaking News

बिहार निवासी जूनियर चिकित्सकों के चलते बलिया की स्वास्थ्य व्यवस्था हो रही है बेपटरी, स्वास्थ्य विभाग कों कर दिये है बीमार



मधुसूदन सिंह 

बलिया।। जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था कों सरकार हो या शासन प्रशासन जितनी बार दुरुस्त करने की कोशिश करते है, बिहार राज्य निवासी पदस्थ चिकित्सकों द्वारा फेल कर दिया जाता है। अभी दो दिन पहले ही नवागत जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था कि कोई भी चिकित्सक कार्यस्थल नहीं छोड़ेगा और सीएचसी पीएचसी पर तैनात चिकित्सक रात कों भी अस्पताल पर ही रहेंगे। लेकिन वर्षो से अधिकांश दिनों अपने घर रहकर वेतन लेने वाले बिहार निवासी चिकित्सकों के ऊपर कोई असर नहीं हुआ। बता दे कि बलिया जनपद मे अधिकांश चिकित्सक बिहार राज्य के है। इनमे से वरिष्ठ चिकित्सकों कों छोड़कर दूसरे अधिकांश दिन अस्पताल की जगह अपने घर चले जाते है।



सूच्य हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक रविवार कों ग्रामीण अंचलो मे एक जगह ही सारी सुविधाएं ग्रामीणों कों उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन करने का आदेश जारी कर रखा है। लेकिन दूरदराज के सरकारी अस्पतालों मे चिकित्सकों की लापरवाही और घर चले जाने के कारण यह योजना गरीबों कों लाभ पहुंचाने मे विफल हो रही है। बलिया एक्सप्रेस की टीम  आज सीएचसी खेजूरी पर एक बजकर 15 मिनट पर पहुंची तो अस्पताल मे ताला लगा हुआ था, कोई कर्मचारी या चिकित्सक मौजूद नहीं मिला। एक बाहरी व्यक्ति घास जरुर काट रहा था। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार यहां के प्रभारी डॉ रत्नेश सिंह शनिवार की दोपहर से बिहार चले जाते है और सोमवार कों वापस आते है। ऐसा ही हाल जनपद के दूरदराज के सरकारी अस्पतालों की भी है।

जिलाधिकारी इनके मोबाइल नंबर  का निकलवाएं लोकेशन, खुल जायेगी पोल 

जिलाधिकारी अगर शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अंचलों मे स्वास्थ्य सेवाओं कों सुचारु रूप से चलवाना चाहते है, तो बिहार राज्य के चिकित्सकों के मोबाइल कों सर्विललांस पर डलवा दे। ऐसा होते ही ये कहां है, पता चल जायेगा। वही यह भी पता चल जायेगा की डॉक्टर साहब अस्पताल पर रहते है या घर पर?

  नहीं बंद हो सकती है सीएचसी की आपातकालीन सेवाएं 

स्थानीय ग्रामीणो कों सातों दिन चौबीस घंटे स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कों खोले रखना होता है। यहां आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होती है। ऐसे मे सीएचसी पर चाहे दुर्घटना मे घायल हो या प्रसव, मरीज कों आपातकालीन चिकित्सा दी जाती है। लेकिन खेजूरी सीएचसी पर आपातकालीन सेवाएं भी प्रभारी व चिकित्सकों के न रहने से रविवार कों बंद रहती है।यह भी सूच्य हो कि वर्तमान समय मे आधे से अधिक ऐसे चिकित्सक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बने है जिनका लेवल इस पद के योग्य ही नहीं है।अब देखना है कि जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्या कार्यवाही करते है।