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गुरु पूर्णिमा पर वसुदेवा में गुरु पूज़न के बाद कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

 


-शशि प्रेमदेव, शिवजी पांडेय रसराज, बृजमोहन अनारी, प्रतिभा यादव ने की अपनी अपनी काव्य प्रस्तुति

-हृदय नारायण हेहर, मिथिलेश गहमरी, भालचंद त्रिपाठी व कमलेश राय ने किया काव्यपाठ

बलिया।। श्री श्री 1008 माधव ब्रह्म बाबा संत समाज सेवा समिति टिकरी चितबड़ागांव के बैनर तले वसुदेवा गांव के गुरू आश्रम में रविवार को गुरु पूर्णिमा समारोह का भव्य आयोजन हुआ। आयोजन में गुरु वंदन के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन में शशि प्रेमदेव, शिवजी पांडेय रसराज, बृजमोहन अनारी, प्रतिभा यादव, हृदय नारायण हेहर, मिथिलेश गहमरी, भालचंद त्रिपाठी व कमलेश राय ने काव्यपाठ किया। कवियों की प्रस्तुति को मौजूद श्रोताओं ने खूब सराहना किया। गुरु आचार्य भरत उपाध्याय ने सबको आशीर्वाद भी दिया।







कवि सम्मेलन में बृजमोहन प्रसाद अनारी ने कोनियानी में बा टुटही पलानी मितऊ, छूछे हाथ जोरि होला मेहमानी मितऊ सुनाकर खूब तालियां बटोरी। शशि प्रेमदेव ने अंधेरों में गजब की एकता है, उजाला सात रंगों में बंटा हैयह सच है एक अदना सा चना पर लोहे का बना है, हमारे पास पक्की सूचना है तुम्हारा राम ही हमारा खुदा है। और बेटियों के सम्मान में काव्यपाठ प्रस्तुत किया। शिवजी पांडेय रसराज ने एक दीप जलता हैं संध्या के आने पर, एक दीप जलता है रजनी के जाने पर प्रस्तुत किया। कवि अशोक तिवारी ने अपने हो जइब महान इंसान त बन, तोहके दुनिया निरेखी पहले चांद त बन प्रस्तुत किया। कवि शंकर  काफिर ने दिल आशिक है भला कैसे मुकर जाएगा, अपने महबूब वतन के लिए मर जाएगा पितरपख में कौवा पुरनिया जनाला, जियत माई बाबू के रोवा दगाला प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी।

राष्ट्रीय शायरा प्रतिभा यादव ने पलकों पे कोई ख्वाब सजाकर तो देखिए, दिल में किसी का प्यार बसाकर तो देखो। जीने को जिंदगी का मजा आ ही जाएगा, दुश्मन को भी गले से लगा कर तो देखिए पढ़ लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि भालचंद त्रिपाठी ने हमें साथ मांझी का अच्छा लगे है, हमें कुछ नहीं है किनारे से मतलब। वो आए तो मरुथल भी बन गए मधुबन, भला हमकों क्यूं है, बहारों से मतलब सुनाया। बक्सर के हृदय नारायण हेहर ने जबसे उमर गइल बा ढलान पर, दिल काटिला बइठल दलान पर। कुर्ता धोती फटहिए बा चखदर, हमरा कुकुरों से अधिका बा आदर प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन का संचालन गाजीपुर के मिथिलेश गहमरी ने किया।गया

कवि सम्मेलन के बाद गुरु आचार्य भरत उपाध्याय ने सभी को आशीर्वाद दिया। पूर्व प्रधानाचार्य शशिकांत मिश्र ने सभी आंगतुकों का अभिवादन किया।