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कहानियां कहती कहानी, का गोविंद बल्लभ पंत थिएटर में हुआ शानदार मंचन



समन्वय रंग मंडल की शानदार प्रस्तुति नाटक कहानियां कहती कहानी

प्रयागराज।। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की अनुदान योजना अंतर्गत समन्वय रंगमंडल प्रयागराज एवम् गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में समन्वय की नवीन प्रस्तुति कहानियां कहती कहानी का मंचन गोविंद बल्लभ पंत के प्रेक्षागृह में सफलतापूर्वक किया गया इस प्रस्तुति का नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना एवम् निर्देशन सुषमा शर्मा का था इस नाट्य कार्यशाला परक प्रस्तुति में कार्यशाला के अंतर्गत नवीन कलाकारों की प्रस्तुति को तैयार किया।

"कहानियां कहती कहानी "मूलत छ: लोक कथाओं पर आधारित है जिन्हें तमिल,तेलगु, मराठी और गोंड साहित्य की लोक कथाओं से लिया गया है, इन सभी कहानियों में कहानी दर्शको से ये गुहार लगाती हुई दिखाई देती है कि आधुनिकता के इस पल पल बदलते युग में उन्हें सुरक्षित किया जाए और अगली पीढ़ी को हस्तांतरित भी किया जाए। इस तरह वह सुरक्षित भी रहेगी और नई पीढ़ी भी उनसे अनभिज्ञ नहीं रहेगी। चाबी की ख़ोज, अनकही कहानी, दीवारों से कहो, नाई का रहस्य, कथा ध्यान से सुनने का परिणाम तथा और फिर फुर्र कोलाज फॉर्म में दर्शको के सामने आती हैं और स्वांग शैली को अपनाती दिखाई देती हैं। इस प्रस्तुति में मीना उरांव, विजय कुमार, अरनव राय, दिव्या शुक्ला,अविनाश मिश्रा,अव्यय भारद्वाज, हर्षल राज तथा सलोनी उरांव ने मंच पर अभिनय किया।



 प्रकाश संचालन संजू साहू, पार्श्व संगीत एवम संचालन निखिलेश कुमार मौर्य, वस्त्र विन्यास मीना उरांव, रूप सज्जा हामिद, प्रस्तुति प्रबंधन सुशील कुमार राय और नाट्य रूपतांतरण, परिकल्पना एवम् निर्देशन सुषमा शर्मा का रहा इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध लेखक , शिक्षक एवं संस्कृतिकर्मी डॉ धनंजय चोपड़ा, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा उपस्थित रहें, प्रारंभ में दोनो अतिथियों का पुष्पगुच्छ दे कर स्वागत किया गया कार्यक्रम के उपरांत मुख्य अतिथि ने नाटक के विषय की सार्थकता पर जोर देते हुए कहा कि अपनी लोक संपदा को बचाना और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है और यह नाटक इसी संदेश पर जोर देता हुआ दिखाई देता है मंचन के दौरान नाट्य जगत के गणमान्य कलाकार, दर्शक उपस्थित रहे।