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टीएस बंधे मे रिसाव को सुनते ही पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक छोड़कर बलिया पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, सपा कार्यकर्त्ताओ को लगाया बांध की सुरक्षा मे

 


बलिया।। जमीन से जुड़े नेता को जनता की तकलीफ को दूर करने,दूर करने मे सहायता करने और कंधे से कंधा मिलाकर आत्मबल बढ़ाने से महत्वपूर्ण कोई काम नहीं होता है, इसको पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने चरितार्थ किया है। बांसडीह विधानसभा स्थित टीएस बंधे मे रिसाव की वायरल वीडियो देखते ही लखनऊ मे होने वाली समाजवादी पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक को छोड़कर सीधे टीएस बंधे पर लखनऊ से पहुँच गये। बता दे कि अभी वें एकदिन पहले ही लखनऊ पहुंचे थे। राजधानी लखनऊ में पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक थी जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामगोविन्द चौधरी का रहना आवश्यक था फिर भी उस बैठक को छोड़कर सीधे बासडीह विधान सभा क्षेत्र के हसनपुरा स्थित टीएस बंधे पर पहुँचे।

वहां उपस्थित बाढ़ विभाग के अफसरों  से कहा कि मैं पहले से आपलोगों से कह रहा था कि बंधे और गाँव को बचाइए।लेकिन आप लोग ध्यान नही दिए सब खत्म हो गया। देखिए परीणाम सामने हैं अगर आज गांव के लोगो ने सूझ बुझ और हिम्मत नहीं दिखाई होती तो यह बंधा  टूट गया होता जिससे जनपद का बड़ा हिस्सा तबाह हों जाता। 

     अधिकारियो से मुखातिब राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि हम नेताओ की कुर्सी आती जाती रहती हैं लेकिन आपलोग तो स्थाई हों,जनता के सहूलियत का ध्यान आप  लोगो को रखना चाहिए। जब आप लोग ही दबाव में आ जाएंगे तो जनता कहा जाएगी? आज जितने भी लोग बाढ़ और कटान से तबाह हैं, उनकी आह आप लोगो के साथ साथ आप लोगो पर दबाव बनाकर गलत कराने वाले लोगो को जरूर लगेगी। आप लोग जनता और सरकार के बीच की कड़ी हैं। आप सरकार के हाथ आंख,पैर सहित अन्य अंग हैं।जब आप ही में खराबी आ जायेगी तो फिर आपरेशन ही रास्ता बचेगा जिसका अधिकार लोकतन्त्र में जनता के  पास होता है, समय आने पर जनता खुद कर देगी।

      क्षेत्रवासियों के परेशानी को देखने के उपरान्त और जिम्मेदार लोगो के रवैया देख पूर्व नेता प्रतिपक्ष काफी मर्माहत नजर आ रहे थे। फिर कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहे कि आप समाजवादी लोग इस बंधे की सुरक्षा करिए शासन और सरकार आपकी सुरक्षा में तत्पर नही हैं। 

      ये सारा घटनाक्रम देखने से यहीं लगा कि जयप्रकास आन्दोलन के युवा नेतृत्वकर्ता और चंद्रशेखर जी के शिष्य रामगोविन्द चौधरी वास्तव में जमीन से जुड़े,जनता के नेता हैं। बंधे पर एकत्र लोग भी यही कह रहे थे कि पिछले दिनों में कुछ गलतियां हुई हैं जिसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा।