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घाघरा का रौद्र रूप जारी :मल्लाह बस्ती के दर्जनों लोगों का घर नदी में विलीन होने के कगार पर, प्रशासन अलमस्त





बैरिया बलिया।। घाघरा (सरजू ) अपने रौद्र रूप मे आ गयी है। खेतीहर जमीन तो छोड़िये बस्ती की बस्ती को अपने आगोश मे लेने को मचल ही नहीं उठी है बल्कि काट भी रही है। लेकिन धन्य है बलिया अ जिला प्रशासन अभी तक इन पीड़ितों को रहने के लिये एक अदद आश्रय स्थल भी नहीं दे पाया है और  ही कटान का अवलोकन करने जे लिये ही कोई बड़ा आलाधिकारी ही पहुंचा है। बता दे कि बैरिया तहसील के सुरेमनपुर के उतरी दियरांचल मे शिवाल मठिया गांव के सामने सरयू नदी की लहरों द्वारा कटान लगातार जारी है। आलम यह है कि वर्तमान मे मल्लाह बस्ती के पास  सरयू नदी बह रही है। एक-दो दिन और इसी तरह से कटान जारी रहा तो यहां भी लोगों के घर सरयू नदी के कटान में विलीन होने लगेगें। उक्त गांव निवासी रामबाबू माल्लाह, गौतम मल्लाह, पारस मल्लाह, बब्बन मल्लाह दिनेश मल्लाह, शिवजी सहित एक दर्जन मल्लाह परिवारों का मकान बिल्कुल कटान के मुहाने पर है। बावजूद इसके राहत और बचाव का कार्य यहां देखने को नही मिल रहा है । यह जरूर है कि मौके पर रोज लेखपाल मनोज यादव पहुंचते हैं, और कटान तथा नदी की रिपोर्ट अपने अधिकारियों को भेज देते हैं लेकिन ऐसी विषम परिस्थिति के वावजूद जिले के आला अधिकारियों के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है।






गोपालपुर ताड़ी के बाद अब इन गांवों पर आया खतरा 

वही दूसरी तरफ गोपाल नगर टाड़ी की बात करें तो यहां भी कटान जारी है। गांव के मुखराम, शिवजी यादव, बरमेश्वर यादव, बाबूराम यादव, अभिषेक यादव, किसुन यादव, भगवान यादव सहित करीब डेढ़ दर्जन लोगों का मकान कटान के मुंहाने पर है। वहीं अब तक इस सीजन में 46 लोगों का आशियाना सरयू नदी में समा चुका है। कटान को रोकने के लिए बाढ़ विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे तटवर्ती लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। लोगों का कहना है कि गोपाल नगर टाड़ी के बाद अब मकईया बाबा का टोला, गोपाल नगर टावर, सीत ब्रह्म बाबा के सामने कटान रुक-रुक कर हो रहा है। वहां भी कटान रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर यहां के लोग पूरी तरह भगवान भरोसे हैं। दियरांचल की जो स्थिति अभी परिलक्षित हो रही है और जैसा बाढ़ विभाग का आचरण दिख रहा है, उससे तो यही कहा जा सकता है कि अब इनकी भगवान ही रक्षा कर सकते है।





उपजाऊ जमीन नदी में हो रही है विलीन 


सुरेमनपुर।।सरयू नदी की धारा का वेग प्रचण्ड है, फलस्वरुप चाई छपरा और अधिसिझुआ के दियारे में जहां उपजाऊ जमीन तेजी से सरयू नदी मे कट कर गिर रही है। वही बकुलहा व टोला फतेराय गांव के सामने उपजाऊ जमीन को भी सरयू नदी ने निगलना शुरू कर दिया है। ऐसे में यहां की स्थिति पर भी प्रशासन को नजर रखनी चाहिए। अभी तक यहां किसी भी सरकारी विभाग का कर्मचारी या अधिकारी मौका मुआयना के लिए नहीं पहुंचा है।