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शराब व्यवसायी को फर्जी तरीके से फंसाने वालों की खुलने लगी पोल : दो आरोपी हिरासत मे, लखनऊ की टीम कर रही है जांच

 



बलिया।। पिछले दो मई को जिला आबकारी अधिकारी की अवैध वसूली की लिखित शिकायत जिलाधिकारी बलिया से करनी अंग्रेजी शराब के थोक व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल को 11 मई 2024 को भारी पड़ गयी ज़ब इनके कटरे से दो बोरी शराब के बोतलों के रेपर बरामद कर स्थानीय व आबकारी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। थोक व्यवसायी चिल्लाता रहा कि मुझे फर्जी तरीके से साजिशन फंसाया गया है लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

जमानत पर जेल से छूटने के बाद छितेश्वर जायसवाल ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिये प्रयास करना शुरू किया तो स्थानीय सतनी सराय पुलिस चौकी के सीसीटीवी फुटेज मे वो साक्ष्य मिल गया। जिससे यह साबित हो गया कि साजिश के तहत दो युवकों द्वारा पिट्ठू बैग को व्यापारी के मकान मे रखा गया और ठीक आधे घंटे बाद आबकारी व पुलिस की टीम ने यहां पहुंचकर रेपर से भरे बैग को बरामद करके और छितेश्वर को बुलाकर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।



इससे अपने आप को अपमानित महसूस करते हुए छितेश्वर जायसवाल ने अपने शराब का कारोबार बंद करके माननीय मुख्यमंत्री से लगायत आबकारी मंत्री व उच्चाधिकारियो तक लिखित शिकायत कर इस प्रकरण की बाहरी टीम से जांच कराने की मांग की थीं। लखनऊ की टीम ने अपनी जांच के क्रम मे बैग मे भरकर रेपर श्री जायसवाल के मकान मे भरने वालों मे से एक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बयान के आधार पर पुनः एक को गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा संजय पाण्डेय फरार है। आबकारी निरीक्षक बांसडीह संदीप यादव के मोबाइल को जांच टीम ने पूंछताछ के बाद जब्त कर लिया है। दूसरे आबकारी निरीक्षक के छुट्टी पर  होने से उनका बयान दर्ज नहीं हो पाया है।

लखनऊ से आयी जांच टीम जिस हिसाब से जांच कर रही है, उससे आबकारी विभाग मे हड़कंप की स्थिति बन गयी है। बता दे कि छितेश्वर जायसवाल ने जिला आबकारी अधिकारी पर रोज दुकानों से वसूली करने का भी लिखित रूप से शिकायत की है। अब ज़ब आबकारी निरीक्षकों के बयान दर्ज होना शुरू हो गये है और गिरफ्तार अभियुक्तों के द्वारा जो खुलासे किये गये है (सूत्रों के अनुसार ) जिला आबकारी अधिकारी से भी जल्द पूंछताछ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकते है। इतना तो लगने लगा है कि लखनऊ की जांच टीम के राडार पर स्थानीय जांच अधिकारी भी हो सकते है। अब देखना है कि किसी को फर्जी मामले मे फंसा कर अपराधी बनाने की कोशिश करने मे शामिल साजिश कर्ताओं का जांच टीम कब उजागर करती है।