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थानेदारी मिलने तक दिनेश पाठक लगाते रहे थे तत्कालीन एसपी के आवास के चक्कर, ज़ब मिली तो इंस्पेक्टरों की कर दी छुट्टी



सिकंदरपुर (बलिया)।। सिकन्दरपुर थाना पर तैनाती को लेकर सिकंदरपुर थाने के उपनिरीक्षक दिनेश पाठक तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर के आवास एवं कार्यालय का चक्कर लगाते रहें, ज़ब तक मकसद प्राप्त नहीं हुआ । दिनेश पाठक का एक ही लक्ष्य था कि मुझे सिकन्दरपुर थाना का एसएचओ बनना है। वह अपने मिशन में उस समय कामयाब हुए , जब तत्कालीन एसपी राजकरन नैय्यर ने मानक (यहां दो इंस्पेक्टर की तैनाती होती थीं )को ताक पर रखते हुए उप निरीक्षक दिनेश पाठक को थानेदारी सौंप दी । तत्कालीन एसपी एवं दिनेश पाठक के बीच क्या वार्ता हुई? यह तो पता नहीं, लेकिन कुछ न कुछ खिचड़ी जरूर पकी होगी इन दोनो के बीच। दिसंबर 2022 में दिनेश पाठक को सिकन्दरपुर थाना का एसओ बनाया गया। एसओ बनाने से पहले सिकंदरपुर थाने पर दो इंस्पेक्टर की तैनाती हुआ करती थी एक इंस्पेक्टर और एक क्राइम इंस्पेक्टर लेकिन जैसे ही उप निरीक्षक दिनेश पाठक की सिकंदरपुर थाने में तैनाती की गई दोनों इंस्पेक्टर को हटा दिया गया और उप निरीक्षक दिनेश पाठक को सिकंदरपुर थाने की बागडोर दे दी गयी । आज तक इस थाने पर इंस्पेक्टर क्राइम की पोस्टिंग नहीं हुई है, आखिर क्यों?

लेकिन जैसे ही दिनेश पाठक को सिकंदरपुर थाने की बागडोर सौंपी गयी सिकंदरपुर में  गो तस्करी से लेकर अवैध शराब,कचिया शराब,बालू खनन और अवैध वसूली व थाने पर फरियादियों से रिश्वत लेना चरम सीमा पर पहुंच गयी । हालांकि एसओ के खिलाफ कई खबरें पूर्व में प्रकाशित की गई  लेकिन बलिया के पूर्ववर्ती तीनों कप्तान इनके ऊपर इतने मेहरबान थे कि अभी तक उप निरीक्षक थाना चलाने में सफल है । बता दे कि सिकन्दरपुर थाना बलिया जिले का प्रसिद्ध थाना है। यहां पर इंस्पेक्टर रैंक के थाना प्रभारी की तैनाती होनी चाहिए थी। उस समय जिले में कई इंस्पेक्टर प्रतीक्षारत थे, लेकिन उन पर तत्कालीन एसपी राजकरन नैय्यर की कृपा नहीं बरसी। एसपी नैय्यर के तबादले के बाद उनकी परंपरा को एसपी एस आनंद ने भी नहीं तोड़ा। उन्होंने भी एसएचओ सिकन्दरपुर को हटाना उचित नहीं समझा। जब एसपी  एस आनंद का तबादला हुआ तो देवरंजन वर्मा बलिया के एसपी बने। इन्होंने  भी एसएचओ सिकन्दरपुर दिनेश  पर अपनी कृपा बरसायी। 

 बलिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ नरही थाने पर एडीजी जोन वाराणसी एवं डीआईजी आजमगढ़ द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई उसके बाद भी  एसपी देवरंजन वर्मा ने  दिनेश पाठक पर कृपा बनाए रखी। क्योकि इन चारो एसपी को पता था कि सिकन्दरपुर थाना पर इंस्पेक्टर रैंक के प्रभारी की तैनाती होनी चाहिए। इसके बाद भी व्यक्तिगत लाभ के लिए इन्होंने अपनी कृपा उप निरीक्षक को एसओ सिकन्दरपुर बनाये रख कर बनायीं रखी । हालांकि देखा जाए तो सिकंदरपुर एक ऐसा कस्बा है जो बिहार तक को जोड़ने का काम करता है। लोगों की माने तो आए दिन खरीद दरौली,कठौड़ा,लीलकर,बसरिखपुर के मध्य सरयू नदी के तरफ से गौ तस्करी और अवैध शराब की सप्लाई भी जोरों शोर से चल रही है। लोगों का यहां तक कहना है कि जब एसओ मेहरबान है तो फिर अवैध सप्लाई को कौन रोक सकता है।




हाई कोर्ट मे पेशी, स्थानीय कोर्ट के आदेश पर मुकदमा, फिर भी बने हुए है थानेदार 

अभी कुछ दिन पूर्व ही अवैध बालू खनन पर एसओ सिकंदरपुर दिनेश पाठक इलाहाबाद हाई कोर्ट में  भी तलब हुए थे। अभी हाल ही में कोर्ट द्वारा गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के कारण दिनेश पाठक व एक अन्य उप निरीक्षक पर मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था,जिसके आधार पर थाना कोतवाली मे दिनेश पाठक व एक उपनिरीक्षक पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है । लेकिन अभी तक इस टू स्टार उप निरीक्षक पर कार्रवाई न होना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब तो यहां के लोग यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि टू स्टार उप निरीक्षक सालों से सिकंदरपुर कोतवाली को संभाले हुआ है आखिर किसकी रहमत इनके ऊपर बरस रही है जो इतने दिनों तक थानेदार बने हुए है। क्या कारण रहा है कि जिस सिकंदरपुर कोतवाली पर दो दो निरीक्षक रहते थे, वहां  उप निरीक्षक को बागडोर दे दी गयी है । हालांकि देखा जाए तो दिनेश पाठक का रिकॉर्ड सिकंदरपुर में अच्छा नहीं रहा है आए दिन विवादों से घिरे हुए रहे हैं।