चाणक्य काल्पनिक चरित्र, ब्राह्मणों की कल्पना, नहीं है चाणक्य का इतिहास मे कोई प्रमाण : रुचिका शर्मा इतिहासकार
बलिया एक्सप्रेस डेस्क ।। यह किसी मॉडल की तस्वीर नही है. इनका नाम रुचिका शर्मा है, ये इतिहासकार हैं. रुचिका शर्मा का कहना है चाणक्य काल्पनिक चरित्र है. चाणक्य का कोई इतिहास में प्रमाण नही है.
रुचिका शर्मा के अनुसार ब्राह्मणों ने अपने वर्चस्व के लिए चाणक्य जैसे काल्पनिक चरित्र को मौर्य साम्राज्य के इतिहास में फिट कर दिया.
पहली बार ब्राह्मण तबके के किसी इतिहासकार ने चाणक्य को मिथक कहा है. सक्रिय रुचिका शर्मा.
इतिहासकार और भाषा वैज्ञानिक डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह कई वर्षों से कह रहे हैं : चाणक्य इतिहास का मिथ है.
ज्ञात सबूतों के आधार पर कहा जाएगा कि सम्राट अशोक के दरबार का सबसे बड़ा लेखक और सलाहकार चपड़ थे..
चाणक्य तो मिथक है.
फिर सवाल आता है क्या केवल ब्राह्मणों ने अपने वर्चस्व के लिए चाणक्य को गढ़ा ?
ईसा पूर्व मौर्य साम्राज्य के समय जाति वर्ण व्यवस्था का विकास नही हुआ था. मौर्य साम्राज्य और नंद वंश मूलतः बौद्ध साम्राज्य थे.
ब्राह्मण इतिहासकारों ने अपनी जाति की मौजूदगी दर्ज कराने के लिए एक काल्पनिक चरित्र चाहिए था ताकि अपने वर्चस्व के साथ जाति वर्ण व्यवस्था को भी मौर्यकालीन साबित किया जा सके.
क्या राजा के दरबार में एक मामूली साधु राजा को आंखें दिखा सकता है. राजा हाथी से उसका सर नही कुचल देता.
(Kranti kumar की एक्स पर पोस्ट से साभार )