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बलिया का एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय जहां गन्दा पानी पीने को मजबूर नौनिहाल, शौचालय बना शोपीस, जिम्मेदार कुम्भकर्णी निद्रा मे



बलिया।। जनपद का एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय है जहां पढ़ने वाले बच्चों को खाने के लिए दोपहर में भोजन तो मिल रहा है, पर प्यास बुझाने के लिए  शुद्ध पानी पीने को नसीब नहीं हो रहा है। आलम यह है कि उन्हें दूषित जल का ही सेवन करना पड़ रहा है या बाहर से लाना पड़ रहा है । प्रधानाध्यापक का कहना है कि इसकी सूचना उच्चाधिकारीयों को दे दी गयी है, ग्राम प्रधान के भी संज्ञान मे है लेकिन किसी के भी कानों मे जूँ तक नहीं रेंग रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी व ग्राम प्रधान इतने संवेदनहीन हो गये है कि नौनीहालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचक रहे है।

 बता दे कि यह मामला सिंहपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर-एक का है, जहाँ पीने के पानी का संकट है। यहां लगे इंडिया मार्का हैंडपंप से गंदा पानी निकल रहा है। बच्चे इसी पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। साथ ही मिड-डे मील का खाना बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों की सेहत कब बिगड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। शिक्षा विभाग से लेकर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार इस दिशा में उदासीन व लापरवाह बने हुए हैं।




      बाहर से पानी लाकर रसोईयां बनाती है मिड डे मील 

 रसोईया मीना देवी ने बताया कि परिसर में लगे नल से दूषित पानी निकल रहा है। लाल रंग के पानी में दुर्गंध आ रही है। यहाँ पेयजल के लिए बच्चों को परेशान होना पड़ता है। मिड-डे मील योजना अंतर्गत भोजन बनाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। खाना बनाने के लिए 200 मीटर दूर से 10 से 15 बाल्टी पानी लाना पड़ता है। कभी-कभी रसोई घर साफ करने के लिए 30 से 40 बाल्टी भी लानी पड़ती है जिसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही जब इस संबंध में छात्रों से बात किया गया तो उनका कहना है कि पानी पीते समय दुर्गंध आता है जिससे हमेशा बीमार होने का डर सताए रहता है।


           शौचालय बना शोपीस

 गांव के वरिष्ठ नागरिक प्रेमनाथ सिंह ने बताया कि यहां पर पानी के साथ-साथ शौचालय की भी परेशानी है। यहां पर पढ़ने आने वाली बच्चियों को बाहर शौच जाने के लिए सोचना पड़ता है। यहां पर शौचालय तो बना है लेकिन वह केवल शो पीस बनकर रह गया है। प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश भारती ने बताया कि पेयजल संकट के चलते बच्चों को बाहर से पानी लाना पड़ता है। इसकी शिकायत की गई, लेकिन अभी तक हैंडपंप ठीक नहीं कराए गए।