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शासनादेश के वावजूद महिला जनप्रतिनिधियों के कार्य कर रहे है महिला जनप्रतिनिधियों के परिजन, विभागीय कर्मियों मे आक्रोश



संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा,बलिया।। नगर निकाय की बैठकों या अन्य कार्यों में महिला पदाधिकारियों के जगह अक्सर उनके पति या करीबियों को देखा जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए शासन ने वर्ष 1996 में एक आदेश जारी किया था जिसके मुताबिक महिला पदाधिकारियों के पति अथवा संबंधी निकाय के प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे। शिकायतों के बाद शासन ने यह फैसला लिया था किंतु वर्तमान समय में शासन का आदेश नगर पंचायत नगरा में हवा हवाई साबित हो रहा है।

          नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन के सचिव आरबी भास्कर ने 15 फरवरी 1996 को जिलाधिकारियों को भेजे शासनादेश में कहा था कि संज्ञान में आया है कि नगर निकायों में निर्वाचित महिला पदाधिकारियों के पति अथवा संबंधियों द्वारा निकाय के प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। यह नियम के विरुद्ध है। उक्त शासनादेश में निर्देश दिया गया था कि निर्वाचित अथवा पदेन पदाधिकारियों से भिन्न कोई भी व्यक्ति बैठक में सम्मिलित न होने पाए और न ही उसके द्वारा अपने किसी मत की अभिव्यक्ति बैठक में की जाए।



 यह भी निर्देश दिया था कि महिला पदाधिकारियों के किसी भी संबंधी को यथास्थिति नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत के अभिलेखों के अवलोकन की अनुमति प्रदान न की जाए, जब तक उनके द्वारा विधिवत निरीक्षण हेतु आवेदन न किया गया हो और यथास्थिति नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी द्वारा ऐसे निरीक्षण की लिखित अनुमति प्रदान न कर दी गई हो।28 जून 1996 को जारी शासनादेश में कहा गया कि यदि निर्वाचित महिला पदाधिकारी द्वारा अपनी जगह पति या संबंधी को नगर पालिका के काम में हस्तक्षेप करने या उसके पद पर काम करने दिया जाता हो तो यह महिला पदाधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग एवं अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर अवचार का दोषी माना जायेगा और उसे उसके पद से हटाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी।


नगर पंचायत नगरा में अध्यक्ष पद अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित है और इंदु देवी अध्यक्ष है, जबकि 14 में से 5 सभासद महिलाएं हैं। 5 महिला सभासदों में से अधिकांस उनके पति या संबंधी ही हर जगह दिखाई देते हैं जो शासनादेश का घोर उल्लंघन है।नगरा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी टी एन मिश्र ने बताया कि मेरे द्वारा अध्यक्ष और सभासदों को बैठक से सम्बंधित शासनादेश की जानकारी दी जा चुकी है ।