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टीला बनता जा रहा है मुख्य मार्ग के किनारे फेका जा रहा कूड़ा, कूड़ा निस्तारण के प्रति नगर पंचायत उदासीन

 






संतोष कुमार द्विवेदी 


नगरा, बलिया। नगर पंचायत नगरा का गठन हुए चार वर्ष से ऊपर हो गया। सोलह माह पूर्व महिला चेयरमैन भी मिल गई बाबजूद इसके यहां कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। नगर के नगरा सिकंदरपुर मार्ग पर सड़क किनारे फेंके गए कूड़े से उठ रही दुर्गंध व जिम्मेदारों की चुप्पी से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छता पर विशेष बल दे रही है। इसके बावजूद बाजार की सड़कों को छोड़कर किसी भी गली मोहल्लों में साफ-सफाई नहीं की जा रही है।

                नगर पंचायत नगरा का गठन हुए चार वर्ष से उपर हो गया। सोलह माह पूर्व हुए निकाय चुनाव के बाद यहां के चेयरमैन का पद भार महिला को सौप दिया गया लेकिन कूड़ा निस्तारण हेतु कोई ठोस उपाय नगर पंचायत द्वारा अभी तक नहीं किया जा सका। नगर पंचायत में प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े को चार वर्षो से नगरा-सिकंदरपुर मार्ग पर सड़क के किनारे फेंक दिया जा रहा है। अब यह कूड़ा टीले का रूप धारण करता जा रहा है। बरसात के चलते सड़क की पटरियों व किनारे पर फेके गए कूड़े की टीले से  उठने वाली दुर्गंध से आस-पास रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं तथा राहगीरों का भी बुरा हाल है। आसपास के निवासियों द्वारा कूड़े से उठ रहे दुर्गंध से बीमारियां फैलने की भी आशंका जताई जा रही है।




नगर पंचायत द्वारा कूड़ा के निस्तारण का कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया। नगर में स्वच्छता अभियान पूरी तरह फ्लॉप है। कहीं भी कूड़ा एकत्र करने के लिए डस्टबिन नहीं रखा गया है। लोग इधर उधर कूड़ा फेंक दे रहे हैं। इससे सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। मुख्य मार्गों को छोड़कर किसी भी गली मोहल्ले में सफाई कर्मचारियों द्वारा साफ-सफाई नहीं किया जा रहा है। जिससे गलियां गंदगी से पटी पड़ी है। नगर के अंदर भी जगह जगह कूड़े के ढेर दिखाई देते हैं।सड़क किनारे फेंके गए कूड़े को छुट्टा व आवारा पशुओं द्वारा अपना भोजन तलाशने की चक्कर में दूर-दूर तक फैला दिया जा रहा है। इससे सड़क पर आने जाने वालों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है।