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NJCA से पुरानी पेंशन के मुद्दे पर वार्ता के लिये पीएम मोदी हुए राजी : "खिड़की खुली है दरवाजा खुलने का इंतजार है": वेदप्रकाश पांडेय

 


राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ. प्र. के आंदोलन के फलस्वरुप  परवान चढ़ती पुरानी पेंशन योजना बहाली की संघर्ष यात्रा

बलिया।।देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, NJCA के केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं, निश्चित ही यह कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है और उम्मीद है,कुछ न कुछ सकारात्मक हल अवश्य निकलेगा। 

पुरानी पेंशन बहाली हेतु संघर्ष की श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए वेद प्रकाश पाण्डेय मंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नें कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा वर्ष 2010 में जब पुरानी पेंशन योजना बहाली की कोई कल्पना भी नहीं करता था, पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग उठाना शुरू किया।

 वर्ष 2013 में परिषद ने लखनऊ से लेकर जंतर मंतर दिल्ली तक जुलाई की भीषण व उमश भरी गर्मी में "साइकिल यात्रा" निकाली।इस साइकिल यात्रा से कर्मचारियों में एक आशा की किरण तो जागी ही साथ ही  राजनीतिक दलों का ध्यान भी आकर्षित किया। इसी के परिणाम स्वरूप लखनऊ में तत्कालीन अखिलेश यादब सरकार के ताकतवर कैबिनेट मंत्री राम गोविंद चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल यात्रा को रवाना किया। दिल्ली में तत्कालीन सरकार के सांसद जगदंबिका पाल ने ज्ञापन प्राप्त किया।पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष हेतु यह आवश्यक था कि शिक्षक व कर्मचारियों की शक्तियों का एकीकरण किया जाय जो पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष में एक लिवर का काम करेगा।शिक्षक व कर्मचारियों की NPS से मुक्ति व पुरानी पेंशन बहाली जैसे महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक हो गया था कि राष्ट्रीय स्तर पर कर्मचारियों की शक्तियों का एकीकरण किया जाय ।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश के सभी बड़े कर्मचारी संगठनों व  शिक्षक संगठनों को साथ लेकर प्रदेश में जोरदार आंदोलन खड़ा किया। बड़ी-बड़ी राज्य स्तरीय रैलियां निकाली व हड़ताल भी की गई। जिसके परिणाम स्वरूप एन.पी.एस योजना में अनेक सुधार हुए व सरकार ने अपना अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 14% किया तथा सरकार द्वारा 1000552 करोड़ लंबित अंशदान भी जमा किया लेकिन परिषद इससे संतुष्ट नहीं था व मूल रूप में पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर प्रतिबद्ध रहा।



उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में परिषद की पहल पर पुरानी पेंशन योजना राजनीतिक मुद्दा बनी तथा जिन राज्यों में चुनाव भी नहीं होने थे वहां विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी।लोकसभा चुनाव से पूर्व *केंद्रीय कर्मचारी संगठनों,जिनका नेतृत्व कामरेड शिवगोपाल मिश्रा द्वारा किया जा रहा है, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व शिक्षक संगठनों* ने मिलकर जोरदार आंदोलन चलाया तथा लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना बहाली प्रमुख मुद्दा बन गया। लोकसभा चुनाव परिणाम में पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे का असर ही था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दिनांक 28 मार्च 2005 से पूर्व  विज्ञप्ति  पदों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाया। इतना ही नहीं अब सेवा निवृत हो चुके कार्मिकों को इसका लाभ दिए जाने का आदेश भी निर्गत कर इसका दायरा बढ़ाया है। अब कह सकते हैं  "खिड़की खुली है दरवाजा खुलने का इंतजार है"।

 लोकसभा चुनाव के परिणाम व एन.जे.सी.ए के देशव्यापी आंदोलन का परिणाम है कि भारत सरकार रिव्यू कमेटी बनाने के लिए बाध्य हुई। साथ ही अब देश के प्रधानमंत्री संगठन से वार्ता कर हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद प्रदेश के सभी कर्मचारियों को विश्वास दिलाना चाहती है की पुरानी पेंशन योजना बहाली होने तक संघर्ष जारी रहेगा।