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उपराष्ट्रपति व मुख्यमंत्री योगी ने सैनिक स्कूल का किए लोकार्पण : शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बना गोरखपुर: मुख्यमंत्री




गोरखपुर।उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया। इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने लोकार्पण के बाद सैनिक स्कूल का निरीक्षण किया। उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के पहले सैनिक स्कूल,जो गोरखपुर में खोला गया है,का उद्घाटन किया। 176 करोड़ की लागत से यह सैनिक स्कूल बना है।  




गोरखपुर।।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती बिहार और नेपाल की तीन करोड़ से आबादी का हर लिहाज से महत्वपूर्ण केंद्र है। आज गोरखपुर नए भारत की विकास यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से, उनके मार्गदर्शन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। गोरखपुर, उत्तर-पूर्व क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया है। 





सीएम योगी शनिवार को सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत कर रहे थे। उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ का प्रदेश और गोरखपुरवासियों की तरफ से अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि उपराष्ट्रपति जी का पहली बार गोरखपुर आगमन हुआ है। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल के जरिये आज पीढ़ियों का निर्माण करने वाला पवित्र उद्देश्य पूरा हो रहा है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण दिन है। 



पौराणिक व ऐतिहासिक कालखंड से गोरखपुर महत्वपूर्ण स्थान


मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर पौराणिक और ऐतिहासिक कालखंड से महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह महायोगी गुरु गोरखनाथ जी की साधना स्थली है तो गीता प्रेस के माध्यम से पूरी दुनिया में सनातन साहित्य के प्रकाशन का केंद्र भी। आजादी की लड़ाई में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता समर के दौरान शहीद बंधु सिंह के नेतृत्व में गोरखपुर क्षेत्र में अंग्रेजी हुकूमत की चूलों को हिला दिया गया था। 1922 में चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना में आजादी के संघर्ष को नई गति दी। सीएम ने कहा कि गोरखपुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। गोरखपुर को केंद्र में रखकर देखें तो यहां से 50 किमी की दूरी पर महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर है। 90 किमी की दूरी पर बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी है तो 25 किमी की दूरी पर संतकबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर है। 175 किमी की दूरी पर प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या है जबकि 225 किमी की दूरी पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी है। 



विकास के नए आयामों से बनी गोरखपुर और यूपी की विशिष्ट पहचान


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस खाद कारखाना परिसर में सैनिक स्कूल बना है वह कारखाना कभी बंद पड़ा था। आज दोबारा शुरू होने से यह कृषि की उत्पादकता बढ़ाने, कृषि लागत कम करने और आजीविका के नए साधन उपलब्ध कराने के केंद्र के रूप में उभरा है। गोरखपुर में एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य अभियान को गति मिल रही है। चिकित्सा के क्षेत्र में बीआरडी मेडिकल कॉलेज और एम्स प्रतिदिन नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। चीनी मीलों से गन्ना किसानों को अप्रत्याशित लाभ मिल रहा है। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ऐक्सप्रेसवे, सिक्सलेन, फोरलेन के निर्माण से, विकास के नए आयामों से गोरखपुर और यूपी की विशिष्ट पहचान बन रही है। 



तीन वर्ष में बनकर तैयार हुआ सैनिक स्कूल


सीएम योगी ने कहा कि तीन वर्ष की अल्प अवधि में बनकर तैयार हुआ गोरखपुर का सैनिक स्कूल भविष्य की पीढ़ियों का भविष्य संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। 176 करोड रूपये़ की लागत से बन रहा यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल है, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक छात्र/छात्राओं को आवासीय शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। यह सैनिक स्कूल भविष्य की पीढ़ियों का निर्माण करेगा तथा जीवन के कर्तव्यों का बोध कराने में सहायक सिद्ध होगा। सैनिक संस्थान से निकले विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र निर्माण एवं विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगे। 



पुरातन छात्र के हाथों सैनिक स्कूल का लोकार्पण सौभाग्य की बात


मुख्यमंत्री ने कहा देश में पहला सैनिक स्कूल तत्कालिन मुख्यमंत्री सम्पूर्णानंद जी ने 1960 में लखनऊ में स्थापित किया था। तत्पश्चात 1961 में देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री ने 5 नए सैनिक स्कूल भी प्रारंभ किये थे। उन्होंने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य है कि 1962 से 1969 की अवधि में चितौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कर कमलों द्वारा इस सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया जा रहा है।



सैनिक स्कूल का ऑडिटोरियम जनरल विपिन रावत के नाम पर


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस सैनिक स्कूल में छात्र-छात्राओं हेतु अलग-अलग कैम्पस के साथ देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है। कारगिल में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर मल्टीपरपज हॉल के साथ साथ एकलव्य शूटिंग रेंज एवं तरणताल का निर्माण भी किया गया है। सैनिक परिसर में प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं परम्परा के आधार पर प्रशासनिक भवन बनाया गया है। इसके अन्तर्गत 20 कक्षाएं, 4 प्रयोगशालाएं, डायनिंग हॉल बहुउद्देशीय हॉल, कान्फ्रेस हॉल भी स्थित है। ऑडिटोरियम की क्षमता 1014 सीटो से लैश है। इसके अन्तर्गत ध्यान केन्द्र हेतु योग सेन्टर, इण्डोर शूटिंग रेंज, स्विमिंग पुल और सीएसडी कैन्टीन की सुविधाएं भी उपलब्ध है। शहीद भगत सिंह, शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद बन्धु सिंह और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर विद्यार्थियों के लिए आवासीय सदन का निर्माण किया गया है। अन्नपूर्णा भवन में विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्धक विशेष भोजन की व्यवस्था भी की जायेगी। सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों की मानसिक एवं शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए निश्चित समय अंतराल पर विविध खेलकूद की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जायेंगी। जिसके लिए विभिन्न खेलों के दृष्टिगत बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, फुटबाल ग्राउण्ड, टेनिस कोर्ट, बैटमिण्टन कोर्ट आदि का निर्माण किया गया है।



नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा देने का सर्वोत्तम प्रयास


सीएम योगी ने कहा कि सरकार नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा देने के लिए सर्वोत्तम प्रयास कर रही है। बताया कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 1 लाख 56 हजार से अधिक स्कूलों में जनसहभागिता और ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित करते हुए परिपूर्ण किया जा रहा है। 1 लाख 34 हजार स्कूलों में यह कार्य हो चुका है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालय पर गत सत्र से अटल आवसीय विद्यालय चल रहे हैं। शेष 57 जिलों में डे केयर स्कूल खोले जाएंगे। कहा कि पीएमश्री योजना में  में बेसिक और माध्यमिक के 1707 विद्यालयों को बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित कर आगे बढ़ाने का कार्य भी किया जा रहा है।