रसड़ा की रामलीला का 9वा दिन : लक्ष्मण को शक्ति लगने से अचेत होने पर श्रीराम के करुण क्रन्दन ने दर्शकों को रुलाया, मेघनाद का हुआ बध
रिपोर्ट अखिलेश सैनी
रसड़ा बलिया।। रसड़ा की श्रीरामलीला में नौवें दिन गुरूवार की सायं रामलीला मैदान में श्रीराम द्वारा रामेश्वर सेतु की स्थापना, रावण-अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्तिवाण व मेघनाद के वध के प्रसंग का जीवंत अभिनय कलारों द्वारा किया गया। लक्ष्मण को शक्तिवाण लगने के बाद भगवान श्रीराम के करूण क्रंदन सुन उपस्थित हजारों दर्शक भाव-विह्वल हो उठे। जानकी का पता चलते ही किष्किंधा के वानर, भालू श्रीराम के साथ लंका पर चढ़ाई के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।
समुंद्र द्वारा रास्ता न देने पर श्रीराम द्वारा वाण का संधान व समुंद्र के माध्यम से नल-नील के बारे में जानकारी देने पर पुल बनता है। साथ ही सेतु बांध रामेश्वर से भगवान शिव की स्थापना होती है और सेना लंका में उतर जाती है। लंका पहुंचकर सीता को लाने के लिए श्रीराम ने दूत के रूप में अंगद को रावण के दरबार में भेजते हैं। अंगद ने रावण को काफी समझाया किंतु हठी रावण ने उनकी एक न सुनी जिससे भयंकर युद्ध छिड़ जाता है।
युद्ध के दरम्यान मेघनाद शक्ति वाण चलाकर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। लक्ष्मण के अचेत होने की खबर पर श्रीराम विलाप करने लगते हैं। सुषेन वैद्य के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बुटी लाने निकल पड़ते हैं। संजीवनी बूटी से सुषेन वैद्य ने लक्ष्मण को ठीक कर देते हैं। बाद में पुन: भयंकर युद्ध शुरू हो जाता है जिसमें लक्ष्मण के हाथों मेघनाद मारा जाता है तत्पश्चात मेघनाद की पत्नी सुलोचना भी सती हो जाती है।