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राम सीता लक्ष्मण का वन गमन, दशरथ की मृत्यु का सजीव मंचन देख दर्शक भी नहीं रोक पाये आंसू



संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित ऐतिहासिक रामलीला में कलाकारो ने कैकेई द्वारा राजा दशरथ से वरदान मांगने, राम वन गमन लीला का सजीव मंचन किया। राम वन गमन को देख दर्शक भावुक हो गए। लीला का शुभारंभ पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया, क्षेत्राधिकारी रसड़ा फहीम कुरैशी एवं नगर पंचायत के सभासद गण ने भगवान की आरती पूजन कर किया।







             कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार राजा दशरथ, गुरु वशिष्ठ के परामर्श पर राम को राजा बनाने की घोषणा करते हैं। इससे रानी कैकेयी की दासी मंथरा कुपित होकर रानी के कान भरती है। रानी उसकी बातों में आकर कोप भवन में जाती हैं, जहां राजा दशरथ को रानी अपने दो वचन याद दिलाती हैं और उसे मांगते हुए कहती हैं कि उनके पुत्र भरत को राज और राम को वनवास भेजा जाए। रानी की बात सुन महाराज दशरथ अचेत हो जाते हैं। होश में आने पर राम को संदेशा भिजवाते हैं। राम के आने पर वनवास की बात पता चलती है। पिता की आज्ञा पाकर राम लक्ष्मण व सीता वन पथ पर प्रस्थान करते हैं। वन पथ पर राम को जाता देख अयोध्या की प्रजा उनके साथ हो लेती है।रास्ते में वह प्रजा को बिना बताए प्रस्थान कर जाते हैं। राम के वनगमन के बाद राजा दशरथ प्राण का त्याग करते हैं। राम वन गमन का मार्मिक मंचन देख दर्शको की आंखे भर आई। 


पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, भाजपा के जिला महामंत्री आलोक शुक्ला, राहुल राव, लाल बहादुर सिंह, पप्पू कुरैशी, कृष्ण कुमार कुशवाहा, मुंशी यादव,अमरेंद्र सोनी, मो रियाजुद्दीन,राजेश पांडेय, संतोष कुमार पांडेय के आलावा समिति हरेराम गुप्त, राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, गणपति गोड, सुनील गुप्ता, डा शशि प्रकाश कुशवाहा, क्रांति यादव, जय प्रकाश जायसवाल,अमन कुमार, राहुल ठाकुर, रियांशु जायसवाल सहित सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे।