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रामलीला का पांचवा दिन : धनुष के टूटते ही जय सियाराम के नारे से गूंज उठा पांडाल





संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।।सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित रामलीला के पांचवे दिन सोमवार को बाणासुर रावण संवाद, सीता स्वयंवर का शानदार मंचन किया। रामलीला देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शको की भीड़ उमड़ी रही।सीता स्वयंवर के मंचन पर पांडाल में उल्लास छा गया। बीच बीच में दर्शक मनमोहक झाकियों का भी आनंद लेते रहें।








              कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार जनकपुर के महाराज जनक सीता स्वयंवर का आयोजन किए हैं। उन्होंने शर्त रखी कि जो भी भगवान शिव का धनुष तोड़ेगा, उसी से सीता का विवाह होगा। स्वयंबर में भगवान राम जैसे ही प्रवेश करते हैं, सब उनके मनमोहक रूप देखकर मोहित हो जाते हैं।स्वयंबर में रावण बिना निमंत्रण के स्वयंबर में पहुंचता हैं और इसी बात को लेकर बाणासुर और रावण के बीच जमकर संग्राम होता है और दोनो स्वयंवर से चले जाते है। महाराजा जनक घोषणा करते हैं कि जो भी राजा शिव के धनुष का प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे। राजा जनक की घोषणा को सुनकर संसार के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन सभी राजा विफल रहे।धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर कोई भी राजा धनुष को हिला तक नहीं सका। यह सब देखकर महाराजा जनक भरी सभा में कहते हैं कि विश्व में कोई भी वीर नहीं बचा जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा सके।

 राजा जनक की बात को सुनकर लक्ष्मण क्रोधित होते हैं।उन्हें श्री राम शांत करते हैं।तब श्रीराम को विश्वामित्र मुनि आज्ञा देते हैं कि आप भगवान शिव के इस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाए। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम धनुष का प्रत्यंचा चढ़ा देते है। जैसे ही धनुष टूटा, पूरा वातावरण राममय हो गया। तभी व्यास पीठ से झुक जइयो तनिक रघुवीर लाली मेरी छोटी सी.. की ध्वनि आती है और सीता राम के गले में वरमाला डाल देती है।सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया और सीता स्वयंवर पर जनकपुर में उल्लास छाया गया। इस मौके पर पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, हरेराम गुप्ता, क्रांति यादव, राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, गणपति गोड, डा शशि प्रकाश कुशवाहा, राजु चौहान, अमन कुमार, राहुल ठाकुर, रियांशू जायसवाल, अनिल गुप्ता, सुनिल गुप्ता सहित काफ़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, अतिथि गण एवं दर्शक उपस्थित रहें।