जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के विगत तीन वर्षो से लम्बित 106 पत्रावलियों का कराया निस्तारण
106 मृतक कृषकों के वारिसों को जीविकोपार्जन में सहायता मिलेगी।
प्रत्येक मृतक परिवार को पाॅच लाख रूपये की धनराशि उनके खाते में पहुंचेंगी।
बलिया।।जनपद में विगत तीन वर्षो से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत कुल 106 पत्रावलियां लम्बित थी, जिनका निस्तारण नहीं हुआ था। जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा लम्बित पत्रावलियों को जनपद स्तरीय कमेटी गठित कर त्वरित निस्तारण करते हुए कमेटी द्वारा समस्त 106 मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अन्तर्गत लम्बित पत्रावलियों का निस्तारण कराया गया। यह जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी श्री त्रिभुवन ने दी।
निस्तारित पत्रावलियों में तहसील सदर की 03 पत्रावली, तहसील बाॅसडीह की 21 पत्रावली, तहसील रसड़ा की 41 पत्रावली, तहसील बेल्थरारोड की 23 पत्रावली, तहसील सिकन्दरपुर की 11 पत्रावली तथा तहसील बैरिया की 07 पत्रावली है। मृतक कृषक के वारिसानों/लाभार्थियों को अनुमन्य धनराशि 500000.00 (पाॅच लाख रूपये मात्र) प्रति मृतक कृषकों के वारिसों को कुल धनराशि रू0 5,30,00000.00(पाॅच करोड़ तीस लाख रूपये) ई-पेमेन्ट के माध्यम से उनके खातें में धनराशि भुगतान करने के लिए अनुमोदन कियेे गये है। इस आदेश से 106 मृतक कृषकों के वारिसों को जीविकोपार्जन में सहायता मिलेगी। प्रत्येक मृतक परिवार को पाॅच लाख रूपये की धनराशि खाते में पहुचेगी।
इसके अतिरिक्त प्रशासन द्वारा सभी जनमानस से अपील की गयी है कि शासनदेशानुसार किसी भी किसान की मृत्यु दुर्घटना यथा-आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करेन्ट लगने, साॅप के काटने, जीव-जन्तु/जानवर द्वारा काटने/मारने/आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डुबने, आॅधी-तुफान, बृक्ष से गिरने/दबने,मकान गिरने, रेल/रोड/वायुयान/अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू-स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होती है, तो कृषक/विधिक वारिस /वारिसों को इस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफ0आई0आर0/जी0डी0, पंचनामा, मृत्यु प्रमाणपत्र, उद्वरण खतौनी, वारिस का बैंक पासबुक, परिवार रजिस्टर की नकल/मृतक का आधार कार्ड इत्यादि संलग्न कर अपनी तहसीलों में एक माह के अन्दर दावा प्रपत्र प्रस्तुत कर दें, जिससे अधिकतम तीन माह के अन्दर समय से निस्तारण किया जा सके।