नरही मे 11 और पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज, क्या अब थानेदार की बारी?
अबतक नरही थाने के 13 पुलिस कर्मियों पर हो चुकी है कार्यवाही
मधुसूदन सिंह
बलिया।। भ्रष्टाचार के लिये कुख्यात नरही थाना एक बार फिर चर्चाओं मे आ गया है। गो तस्कर के भाई को थाने मे लाकर पीटना और एक लाख रूपये लेकर छोड़ने की शिकायत ने पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर को अंदर से हिला कर रख दी है। जिस विश्वास और उम्मीद के साथ पुलिस अधीक्षक ने पूरे थाने पर नये पुलिस कर्मियों की तैनाती की थीं, वह विश्वास चकनाचूर हो गया है। जिस आत्मविश्वास के साथ थाने की कमान सुनील चंद तिवारी को सौपी गयी थीं, श्री तिवारी निश्चित रूप से कसौटी पर खरे नहीं उतरे है। थाने मे किसी को लाकर सिपाहियों द्वारा पिटाई की जाती है और एक लाख रूपये लेकर छोड़ा जाता है, यह बात थानेदार को पता न चले, यह सबसे बड़ी कमी या संलिप्तता की तरफ इशारा करता है। अपने थाना परिसर और थाना क्षेत्र मे पुलिस कर्मियों द्वारा अवैध वसूली की जानकारी न होना, थानेदार की सक्षमता पर प्रश्न चिन्ह है। पुलिस कर्मियों के बाद निश्चित ही पुलिस अधीक्षक के राडार पर थानेदार भी होंगे। अब यह देखने वाली बात है कि कब कार्यवाही होती है।
बता दे कि जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही योगी सरकार की मंशा के अनुरूप बलिया एसपी विक्रांत वीर ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। एसपी ने नरही थाने के 11 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर व 5 अन्य के साथ ही 32 जवानों को इधर-उधर किया है।
एसपी की इस कार्रवाई से विभागीय गलियारे में हड़कम्प मच गया हैै। एसपी ने सम्बंधित पुलिसकर्मियों को तत्काल आदेश से अवगत होकर अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। बता दें कि दो दिन पहले ही नरही थाने के दो सिपाहियों पर अवैध वसूली का आरोप लगा था। मामले में एसपी ने जहां दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया, वहीं पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने एक सिपाही समेत चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, आरोपित एक सिपाही फरार है।