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मुख्यमंत्री ने की भावी कार्यक्रमों की समीक्षा :वर्ष 2025 अन्त्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना को होगा समर्पित : मुख्यमंत्री




लखनऊ: 19 नवम्बर, 2024।।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2025 अत्यन्त महत्वपूर्ण होने जा रहा है। यह वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयन्ती के अवसर पर जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाना है। साथ ही, यह लौहपुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयन्ती का भी वर्ष है। एक ओर जहां हम संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाएंगे, वहीं लोकतंत्र की हत्या ‘आपातकाल’ के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों को जागरूक भी किया जाना है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयन्ती भी इसी वर्ष 2025 में मनायी जाएगी। 2025 का वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मशताब्दी का वर्ष है, तो इसी वर्ष हमें जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य भी पूरा करना है। यह पूरा वर्ष अन्त्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना को समर्पित होगा। इनके दृष्टिगत पूरे वर्ष आयोजन किये जाएं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में भावी कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर, 2024 से प्रारम्भ हो रहे ‘संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष’ की शुरुआत पर राजधानी लखनऊ में शासन स्तर के साथ-साथ सभी सरकारी संस्थानों, विभागों, कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जानी चाहिए। स्कूल/कॉलेजों में निबन्ध और डिबेट आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। संसदीय कार्य विभाग इसका नोडल विभाग होगा। पूरे वर्ष होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र जारी कर दी जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में पूरी दुनिया से लोगों का आगमन होगा। यह दुनिया के लिए भारत को जानने तथा समझने का सुअवसर है। महाकुम्भ में भारतीय संविधान पर आधारित ‘संविधान गैलरी’ तैयार कराई जाए। यहां संविधान सभा के गठन पर चर्चा-परिचर्चा करायी जाए तथा संविधान निर्माण की पूरी प्रक्रिया को ऑडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति के संरक्षण और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। जनपद बलरामपुर के इमिलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जबकि दो अन्य संग्रहालय भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे हैं। महाकुम्भ में भगवान बिरसा मुण्डा, प्रदेश की जनजातीय संस्कृति व सरकार के प्रयासों पर केन्द्रित विशेष गैलरी बनायी जाए।



अटल जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ तथा सुशासन पीठ की स्थापना कराई जानी चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार, सरदार पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करते हुए पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाना चाहिए। गृह विभाग इसका नोडल विभाग होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयन्ती को सम्पूर्ण प्रदेश में बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए। आक्रान्ताओं के कालखण्ड में अहिल्याबाई जी ने किस प्रकार भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवन दिया, इससे नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर स्कूल-कॉलेजों में निबन्ध, डिबेट और सेमिनार का आयोजन भी कराया जाए।

‘लोकतंत्र की हत्या’ आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी विभीषिका से नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। इस दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मेलन कराये जाने चाहिए। इस सम्बन्ध में सूचना विभाग द्वारा आवश्यक कार्ययोजना तैयार की जाए।