ददरी मेला मे झूला लगाने के लिये लगी 82 लाख 10 हजार की बोली : तो क्या पिछले सालों मे होती थीं राजस्व की जबरदस्त चोरी?
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में ददरी मेला के झूला , पार्किंग स्टैंड प्रबंधन कार्यों के राजस्व वसूली में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
जिला प्रशासन के प्रयास से नगर पालिका परिषद,बलिया के अंतर्गत आयोजित होने वाले ददरी मेला-2024 में झूला, पार्किंग आदि कार्यों की वसूली में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
नगर पालिका बिना किसी सरकारी अनुदान के ददरी मेला और कार्तिक पूर्णिमा के प्रबंधन को कर सकेगी स्वायत्त रूप से
मधुसूदन सिंह
बलिया।। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की रणनीति से ददरी मेला मे होने वाले भ्रष्टाचार की पोल धीरे धीरे खुलती जा रही है। बता दे कि जिलाधिकारी ने इस बार ददरी मेला के प्रबंधन मे प्रशासनिक अधिकारियों को विभिन्न दायित्व मेला मे आने वाले राजस्व मे पारदर्शिता के लिये सौपा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर ही नगर निकाय प्रभारी / मुख्य राजस्व अधिकारी ने शुक्रवार को ददरी मेला मे लगने वाले झूला और पार्किंग के लिये खुली बोली लगवायी। किसी को भी ये उम्मीद नहीं थीं कि झूला लगाने वाले 82 लाख और पार्किंग वाले लगभग 30 लाख की बोली लगा देंगे। सूच्य हो कि विगत वर्षो मे झूला वाले नगर पालिका को लगभग डेढ़ से 7 लाख तक ही राजस्व ही देते थे। वही पार्किंग के लिये सभी पार्किंग को जोड़ दिया जाय तो पिछले वर्षो मे 5-7 लाख से अधिक राजस्व नहीं मिलता था। इससे यह साबित होता है कि पिछले सालों मे निश्चित रूप से सरकारी राजस्व की चोरी होती होगी।
झूला लगाने के लिये लगी 82 लाख 10 हजार की बोली
बता दे कि शुक्रवार को जिलाधिकारी के निर्देशन में कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन की अध्यक्षता में खुली बोली का आयोजन किया गया। दोपहर 12:00 बजे झूला आवंटन कार्य की बोली कराई गई, जिसका आरक्षित मूल्य 8.80 लाख था। जिसमें संगम एंटरप्राइजेज प्रयागराज द्वारा सर्वाधिक बोली रुपए 82 लाख 10 हजार हुई,जो कि विगत वर्ष की वसूली से 10 गुना अधिक है। संगम एंटरप्राइजेज द्वारा बोली के 25 प्रतिशत की धनराशि रुपए 22 लाख बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र में जमा करा दिया गया है ।
पार्किंग के लिये भी हुई ऐतिहासिक बोली
दोपहर 3:00 बजे पार्किंग एवं अन्य कार्यों आदि की बोली आयोजित हुई, जिसमें कुल धनराशि 29,85,000 की बोली लगाई गई ।
पिछले वर्ष के कुल राजस्व वसूली के 10 गुना से भी ज्यादे वसूली
आज दिनांक 8 नवंबर 2024 की खुली बोली में कुल धनराशि एक करोड़ 11 लाख 95 हजार की बोली लगाई, जो कि विगत वर्ष में मात्र 18 लाख थी। इस प्रकार पिछले वर्ष के सापेक्ष 10 गुना से ज्यादा की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। इस प्रकार नगर पालिका बलिया प्रशासन बिना किसी सरकारी अनुदान के ददरी मेला और कार्तिक पूर्णिमा के प्रबंधन को स्वायत्त रूप से कर सकेगी ।
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा में विशेष व्यवस्था करते हुए गंगा आरती के साथ-साथ भजन संध्या के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक-पृथक पंडाल क्रमशः गंगा पंडाल एवं सरयू पंडाल बनाए जाएंगे। सुरक्षा के लिहाज से भी एनडीआरएफ की टीम, राहत कैंप ,चिकित्सा शिविर, पुलिस कैंप एवं खोया पाया सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनियोजित तरीके से की जाएंगी ।
मीना बाजार की दुकानों के आवंटन के लिये नियम बनाने के लिये कल मीटिंग
अभी मात्र झूला और पार्किंग की ही बोली हुई और राजस्व प्राप्ति 10 गुना से भी अधिक हो गयी। जबकि अभी पूरे मेले की दुकानों का आवंटन बाकी है। मीना बाजार के नोडल अधिकारी / उप जिलाधिकारी सदर आत्रेय मिश्र ने कहा कि मीना बाजार की दुकानों के आवंटन के लिये प्रक्रिया का निर्धारण करने के लिये शनिवार को 4 बजे नगर पालिका के अधिकारियों व संबंधित कर्मचारियों के साथ बैठक की जायेगी।
मीना बाजार की सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों का भी हो खुली बोली के माध्यम से आवंटन, होगी ऐतिहासिक वसूली
बलिया एक्सप्रेस का मानना है कि अगर मीना बाजार चौक के आसपास की सौंदर्य प्रसाधन की लगभग 50 दुकानों का भी आवंटन अगर खुली बोली के माध्यम से होता है तो निश्चित रूप से मात्र इन 50 दुकानों से ही इतना राजस्व मिल जायेगा, जो गत वर्षो की वसूली का कई गुना होगा। अब देखना है कि जिला प्रशासन दुकानों के आवंटन के लिये क्या नीति बनाता है।