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मानवाधिकार जनसेवा परिषद ने पुरानी पूजित व खण्डित मूर्तियों के सम्मानजनक विसर्जन के लिये बनाया संग्रह केंद्र

 



लखनऊ।। दीपावली पर लगभग हर घर में श्री गणेश और लक्ष्मी जी की नई मूर्तियों की पूजा हो चुकी है लेकिन, पुरानी पूजित व खण्डित मूर्तियों का क्या किया?

धार्मिक मान्यता के अनुसार दिवाली के अवसर पर लाई गई श्री गणेश व लक्ष्मी जी की मूर्ति को एक वर्ष तक अपने घर में रखना चाहिए तथा अगली दिवाली पर लाई गई मूर्तियों को उनके स्थान पर रखकर पिछले वर्ष की मूर्तियों को विसर्जित करना चाहिए।

मूर्तियों को कुछ लोग शायद नदी में प्रवाहित कर देते हैं और कुछ लोग पेड़ के नीचे रख देते हैं। भगवान मूर्तियों की ऐसी स्थिति देख कर बहुत ही खराब लगता है।

"मानवाधिकार जनसेवा परिषद" पिछले कई वर्षों से पुरानी पूजित व खण्डित मूर्तियों को एकत्र कर ससम्मान विसर्जित कर रहा है। मानवाधिकार जनसेवा परिषद के द्वारा इस वर्ष भी वर्ष पुरानी पूजित एवं खण्डित मूर्तियों के ससम्मान विसर्जन हेतु मूर्तियों के संग्रह स्थल बनाये हैं। इस सम्बन्ध में नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि पुरानी पूजित व खण्डित मूर्तियों, पूजन सामग्री को इधर उधर न फेकें वरन् नीचे लिखे पते पर देने का कष्ट करें ताकि उसका सम्मानजनक विसर्जन किया जा सके।

नागरिकों के सहयोग से मूर्ति का सम्मानजनक विसर्जन तो होगा ही नदियों को स्वच्छ रखने को उठाया गया एक सार्थक कदम भी होगा तथा लोग धर्म का मजाक भी नहीं बनायेंगे।



मानवाधिकार जनसेवा परिषद द्वारा मूर्तियों के ससम्मान विसर्जन हेतु बनाए गए संग्रह स्थल निम्नलिखित हैं -

1. रूप कुमार शर्मा, 3/44, विवेक खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ

2. प्रदीप कुमार शर्मा, एम एम 4/93, विनय खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ

3. श्री किरन प्रकाश विश्वकर्मा, प्रधान, खरगापुर, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ

4. सुश्री आशा सिंह, 6/452, विनीत खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ

5. श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, 54, अवधपुरी भाग 2, खरगापुर, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ

6. सुश्री सविता शुक्ला, 14/89, इंदिरा नगर,  निकट रानी लक्ष्मीबाई स्कूल, मेट्रो स्टेशन के पास, लखनऊ

7. रेनू तिवारी, सी 2250, इंदिरा नगर, निकट दाना पानी, लखनऊ

8. श्रीमती कुसुम वर्मा, निकट संकटमोचन मंदिर, कौशलपुरी, खरगापुर, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ

9. श्रीमती शिव, 92, निजामपुर मल्हौर, निकट मल्हौर ईदगाह, चिनहट, लखनऊ

 

इस सम्बन्ध में नागरिकों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने क्षेत्र की मूर्तियों को एकत्र कर मानवाधिकार जनसेवा परिषद को देकर मूर्तियों के ससम्मान विसर्जन में सहयोग प्रदान कर सकते हैं। विसर्जन हेतु मूर्ति देने के लिए नीचे लिखे नम्बरों पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।