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पुलिस अधीक्षक ने नरही थाने के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ की अवैध वसूली के लिये कड़ी कार्यवाही : किया निलंबित, जायेंगे जेल, थानाध्यक्ष की कार्यशैली भी अब कटघरे मे

 


मधुसूदन सिंह 

बलिया।। जनपद का नरही थाना एकबार फिर से अवैध वसूली के लिये चर्चा मे आ गया है। इस बार पुलिस अधीक्षक ने दो सिपाहियों के खिलाफ सीओ से जांच कराने के बाद अवैध वसूली की घटना को सत्य पाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कहा है कि ये दोनों जेल जायेंगे। ऐसे मे एक बार फिर से सवाल उठता है कि पुलिस के उच्चाधिकारियो ने जिस विश्वास व भरोसे के साथ वर्तमान थानाध्यक्ष / प्रभारी निरीक्षक सुनील चंद तिवारी को थाने की कमान सौपी थीं, उसमे श्री तिवारी असफल सिद्ध हो रहे है? जिस तरीके से पिछली बार अवैध वसूली प्रकरण का पटाक्षेप एडीजी जोन वाराणसी व डीआईजी आजमगढ़ की कार्यवाही मे पुलिस अधीक्षक से लगायत तमाम बड़े व छोटे अधिकारी हटा दिये गये थे, तो क्या इस बार फिर पुलिस अधीक्षक की कार्यवाही मे थाना प्रभारी पर भी गाज गिर सकती है? क्योंकि यह सत्य है कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि इस घटना मे मात्र आरोपी दोनों ही सिपाही केवल शामिल हो। साथ ही अब यह भी जांच का विषय हो सकता है कि और कितने लोग ऐसी अवैध वसूली मे शामिल है।



              जांच के बाद सख्त कदम

जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी विक्रांत वीर ने दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही, उनके खिलाफ केस दर्ज कर एक पुलिसकर्मी समेत चार को हिरासत में भी ले लिया गया है।

          एसपी का कड़ा संदेश

एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि किसी भी पुलिसकर्मी को भ्रष्टाचार या जबरन वसूली की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी इस तरह के मामलों में संलिप्त होगा, उसे जेल जाना पड़ेगा।



           नरही थाने की साख पर सवाल

यह मामला सामने आने के बाद नरही थाने की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। एसपी ने थाने में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।


                 जनता को भरोसा दिलाया

इस कार्रवाई से पुलिस प्रशासन ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह पुलिसकर्मी ही क्यों न हो। पीड़ित रुदल यादव को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन ने तत्परता दिखाई है।

                  आगे की कार्रवाई

मामले की गहन जांच जारी है, और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का आश्वासन दिया गया है। इस घटना ने जिले में पुलिस की छवि को झटका जरूर दिया है, लेकिन प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाकर भरोसा कायम किया है।

                         यह है मामला 

नरही थाना क्षेत्र के भरौली गांव के रहने वाले रुद्रल यादव ने पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर से शिकायत की. आरोप लगाया कि उसके भाई नीतीश यादव पर गोवंश पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज है. 25 नवंबर को गांव के बाहर मैं भैंस चरा रहा था, तभी थाने के दो सिपाही सादे कपड़े में आकर उसे जबरदस्ती थाने ले गए और बंद कमरे में पिटाई कर दी।


                          ये है गिरफ्तार आरोपी 


1. का0 ऋषिलाल बिन्द पी.एन.ओ-182093744 पुत्र स्व0 शिवमूरत निवासी चकचोरी थाना बरदह जिला आजमगढ़ (गिरफ्तार)

2. मन्टू निषाद पुत्र मंहगू चौधरी निवासी भरौली थाना नरही बलिया (गिरफ्तार)

3. संजय चौधरी पुत्र मंहगू चौधरी निवासी भरौली थाना नरही बलिया (गिरफ्तार)

4. शिवम यादव पुत्र बेचू यादव निवासी थाना नरही बलिया (गिरफ्तार)

                 फरार अभियुक्त-

1. का0 कौशल पासवान पीएनओ 212090543 पुत्र राधेश्याम पासवान निवासी सिघंड़िया थाना कैण्ट जनपद गोरखपुर