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बांग्लादेश मे हिन्दू खतरे मे और भारत सरकार निद्रा मे : कुलदीप तिवारी




मधुसूदन सिंह 

लखनऊ।।सिटी मोंटेसोरी स्कूल के पूर्व शिक्षक हिन्दू वादी प्रखर सामाजिक कार्यकर्त्ता   काशी ज्ञानवापी, मथुरा और भोजशाला प्रकरण के प्रमुख वादी होने के साथ साथ अवैध मस्जिद मजारों को ध्वस्त किए जाने तथा मुस्लिम बहुविवाह प्रथा के विरुद्ध याचिकाएं लगाने वाले कुलदीप तिवारी से बलिया एक्सप्रेस के संपादक मधुसूदन सिंह ने बांग्लादेश मे हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के संबंध मे वार्ता की। इस वार्ता मे श्री तिवारी ने साफ शब्दों मे कहा कि बांग्लादेश प्रकरण मे भारत सरकार की चुप्पी हिन्दुओं और देश दोनों पर भारी पड़ सकती है। अगर भारत सरकार जल्द से जल्द बांग्लादेश पर दबाव नहीं बनायेगी तो यह घातक सिद्ध होगा। 

श्री तिवारी ने कहा कि पूरी दुनिया के हिन्दू  यहां तक कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिये भारत से ही गुहार लगाते है। क्योंकि हिन्दुओं के हितों की रक्षा करने के लिये भारत सरकार के अलावा कोई देश व सरकार नहीं है। कहा कि बांग्लादेश मे हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की रोज रोज खबरों के आने के बाद भी भारत सरकार की निद्रा मे रहना समझ से परे है। भारत सरकार की यह निद्रा आने वाले दिनों मे हिन्दू समाज व भारत के लिये भारी पड़ सकती है। कहा कि विश्व की सबसे बड़ी 5 वी अर्थ व्यवस्था वाला देश अगर बांग्लादेश जैसे देश पर दबाव नहीं बना पा रहा है तो यह चिंता का विषय है।




अन्य धार्मिक संगठनों की तरह हिंदूवादी संगठनों का बांग्लादेश के हिन्दुओं के समर्थन मे अबतक बड़ा प्रदर्शन क्यों नहीं हो रहा है? के प्रश्न का जबाब देते हुए श्री तिवारी ने कहा कि हम लोगों ने इसके खिलाफ कई प्रदर्शन करके भारत सरकार की निद्रा को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अबतक सरकार की चुप्पी समझ से परे है। कहा कि अन्य धार्मिक संगठनों की तरह हिंदूवादी संगठन हिंसक प्रदर्शन नहीं कर सकते है क्योंकि देश की संपत्ति को हम लोग अपनी संपत्ति मानते है और इसको नुकसान नहीं पहुंचा सकते है। कहा कि लेकिन अब हिंदूवादी संगठनों का भी धैर्य जबाब देने लगा है। अगर शीघ्र ही भारत सरकार बांग्लादेश पर दबाव बनाकर हिन्दुओं के प्रति हो रही हिंसा को नहीं रोकती है, तो हिन्दू भी सड़कों पर ज़ब जबाब देने के लिये उतरेगा तो सरकार को भी संभालना मुश्किल हो जायेगा।



बांग्लादेश पर  भारत सरकार के पास दबाव डालने के लिये क्या क्या ऑप्शन है? का जबाब देते हुए कुलदीप तिवारी ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंधों को बड़े बड़े देश नहीं झेल पाते है तो बांग्लादेश जैसी छोटी अर्थ व्यवस्था वाले देश की बिसात ही क्या है। कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान यूनिस सरकार अवैध तरीके से सत्तारूढ़ है। ऐसी सरकार को संयुक्त राष्ट्र संघ मे घेरना कोई बड़ी बात नहीं है । भारत सरकार को चाहिये कि बांग्लादेश पर तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगाने और हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति हो रही हिंसा को रोकने के लिये एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ मे पेश करना चाहिये। साथ ही भारत से जाने वाली चीजों (खाद्य सामग्री, कपास आदि ), बिजली व अन्य प्रकार के आर्थिक सहयोग को तुरंत रोक देना चाहिये। अगर सरकार ऐसा करती है तो बांग्लादेश मे जो हिन्दुओं के समाप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ है, वह टल जायेगा। अन्यथा पाकिस्तान और चीन भी भारत की इस कमजोरी का फायदा उठा सकते है जो हमारे लिये हितकर नहीं होगा।