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एक बार फिर वर्मा परिवार का ड्रामा आया सामने, शव को कलेक्ट्रेट पर रखकर प्रशासन पर दबाव बनाने का किया प्रयास



सन 2019 मे विवादित मकान मे खुद को जलाने का किये थे असफल प्रयास 

बलिया।। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर अपने मृत भाई का शव रखकर माननीय दीवानी न्यायालय मे वाद लंबित होने के बावजूद प्रशासन पर दबाव बनाकर अपने पक्ष मे प्रशासन को करने का विनोद वर्मा व उसकी बहन आदि का प्रयास दूसरी बार विफल हो गया है। इन लोगों ने वर्ष 2019 मे भी जाड़े के ही दिनों मे विवादित मकान के अंदर ताला बंद कर खुद को जलाने का हाई वोल्टेज ड्रामा किया था। तब तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बांसडीहरोड योगेंद्र बहादुर सिंह ने तत्परता दिखाते हुए सभी को सुरक्षित बचा लिया था। आज दूसरी बार भी योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व मे पुलिस के जवानों ने कलेक्ट्रेट पर चले ड्रामे का पटाक्षेप कर दिया। स्थानीय लोगों से ज़ब इस संबंध मे जानकारी ली गयी तो उनका कहना था कि प्रहलाद वर्मा द्वारा पूरी मकान पर कब्जा कर लिये जाने का आरोप गलत है। प्रहलाद वर्मा अपनी पत्नी व पुत्र पुत्री के साथ एक ही कमरे मे रहते है। पत्नी किराये पर दूसरी जगह दुकान लेकर ब्यूटी पार्लर चलाकर अपने घर चलाने मे पति की मदद करती है।

घटना के संबंध मे अपर जिलाधिकारी (वि /रा ) ने पूरी घटना के संबंध मे प्रेस नोट के जरिये जानकारी सार्वजनिक की है। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि आज दिनांक 29.11.2024 को कार्यालय जिलाधिकारी, बलिया के कैम्पस में विनोद वर्मा पुत्र स्व० लक्ष्मण प्रसाद वर्मा, निवासी परिखरा व अन्य द्वारा शिकायत की गयी थी कि उनके भाई मुन्ना वर्मा की मृत्यु हो गयी है, जिसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाय।


उक्त के सम्बन्ध में शिकायतकर्ता विनोद वर्मा व अन्य से प्रकरण में सम्बन्ध में पूछताछ की गयी। पूछताछ में विनोद वर्मा व अभिमन्यु वर्मा पुत्रगण स्व० लक्ष्मण प्रसाद वर्मा द्वारा बताया गया कि उनके पिता स्व० लक्ष्मण प्रसाद वर्मा का दो विवाह था, जिसकी पहली पत्नी की मृत्यु हम लोगों की जानकारी के पहले ही हो गयी थी, जिनके कुल तीन संतान हैं (1) निधि (पुत्री), (2) मनोज (पुत्र) (3) प्रेमचन्द (पुत्र)।

पिता स्व० लक्ष्मण प्रसाद वर्मा की दूसरी पत्नी कुसुम देवी हैं. जिनसे कुल 05 संतान हैं:-

(1) प्रहलाद वर्मा (पुत्र). (2) मुन्ना वर्मा (पुत्र) (3) विनोद वर्मा (पुत्र) (4) अभिमन्यु वर्मा (पुत्र) (5) नन्दनी वर्मा (पुत्री)।

उक्त पांचों संतानों में से प्रहलाद वर्मा की शादी हुई है तथा शेष सभी चार लोग अविवाहित हैं। हमारे पिता की कोई पुश्तैनी जमीन नहीं थी। हमारी माता कुसुम देवी ने साढ़े चार कट्टा भूमि मौजा परिखरा में शिवपूजन वर्मा से वर्ष 1980 में खरीदा था तथा उसी पर हम लोगों ने मकान बनाया है।


हमारी माता कुसुम देवी बीमार रहती है, जिनकी बीमारी के कारण उनका इलाज विनोद वर्मा पुत्र ने कराया था, जिसके बदले में मां कुसुम देवी ने डेढ़ कट्टा भूमि विनोद के नाम वर्ष 2014 में रजिस्ट्री कर दिया तथा मां व भाईयों की देखभाल बहन नन्दनी वर्मा करती है, जिसके बदले मां कुसुम देवी ने डेढ़  कट्टा भूमि नन्दनी वर्मा के नाम दानपत्र लिख दिया है, शेष डेढ़ कट्टा भूमि पर मां कुसुम देवी का नाम है।


उस मकान के 1/2 क‌ट्ठा पर आगे की तरफ हम तीन भाई, बहन तथा माता रहते हैं, शेष 04 कट्ट्ठा भूमि पर सबसे बड़े भाई प्रहलाद ने पुश्तैनी जमीन व मकान बताकर कब्जा कर लिया है तथा हम लोगों को घर के बाहर रहने पर मजबूर कर दिया है। हम लोग शौचालय भी कलेक्ट्रेट के सार्वजनिक शौचालय में जाते हैं।




प्रह्लाद वर्मा ने काफी कहने पर कब्जा नहीं छोड़ा था, जिसके कारण हम लोगों ने न्यायालय सिविल जज (जू०डि०) पूर्वी, बलिया में बेदखली का वाद सं० 558/2016, कुसुम बनाम प्रहलाद दाखिल किया था, जिसमें 17 09.2016 को वादिनी को बेदखल न करने का आदेश पारित हुआ है, फिर भी प्रह्लाद वर्मा उस मकान में कब्जा कर रखा है और बाकी भाई व माता को घर में घुसने नहीं दे रहा है। वर्तमान में भी उक्त बेदखली का वाद सिविल न्यायालय में चल रहा है। विनोद वर्मा व अभिमन्यु वर्मा द्वारा बताया गया कि समक्ष उक्त विवाद के सम्बन्ध में कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया है।



विनोद वर्मा व अभिमन्यु वर्मा द्वारा बताया गया कि करीब एक माह पहले उसके भाई मुन्ना वर्मा, उम्र करीब 45 वर्ष, की तबियत खराब हुई थी, जिसके कारण जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था, वह मिर्गी का मरीज था। डाक्टर द्वारा खून की कमी होना बताया गया, जिसके कारण दोनों भाईयों ने व एक अन्य व्यक्ति से खून की व्यवस्था कराकर कुल तीन यूनिट खून चढ़वाया। एक सप्ताह बाद जब तबियत ठीक हो गयी तो डिस्चार्ज कराकर वापस ले गये।


फिर कल दोबारा मुन्ना वर्मा की तबियत खराब हो गयी तो चिकित्सक द्वारा बताया गया कि हीमोग्लोबिन व प्लेटलेट्स काफी कम हो गयी तथा किडनी फंक्शन टेस्ट में किडनी भी खराब है, जिसके कारण डाक्टर द्वारा रिफर कर दिया गया। हम लोग उसे बाहर ले जाने वाले थे, इसी बीच खून की कमी तथा किडनी फेल्योर के कारण उसकी मृत्यु हो गयी।



उक्त पूछताछ से स्पष्ट हुआ कि शिकायतकर्ता की मां कुसुम देवी ने मकान खरीदा था और उसमें से 1/3 हिस्सा विनोद वर्मा को रजिस्ट्री किया तथा 1/3 हिस्सा अपनी अविवाहित पुत्री नन्दनी वर्मा को दान दे दिया था, उसी मकान को लेकर प्रह्लाद वर्मा व अन्य के मध्य विवाद चल रहा है। जहां मकान में बेदखली अथवा कब्जा दिलाये जाने की मांग है, सिविल न्यायालय से उक्त वाद में अन्तिम निर्णय पारित होने के बाद ही विधिक कार्यवाही की जा सकती है। कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से पुलिस प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।



शिकायतकर्ता विनोद वर्मा व अन्य द्वारा अपने मृतक भाई मुन्ना वर्मा की लाश लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर उसकी मृत्यु को आपसी विवाद से जोड़ने का प्रयास किया गया है, जबकि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार मुन्ना वर्मा काफी दिनों से बीमार चल रहा था उसकी मृत्यु चिकित्सकीय कारणों खून की कमी तथा किडनी फेल होने के कारण हुई है।