जिलाधिकारी ने शीत ऋतु के प्रारम्भ तथा आगामी दिनों में शीतलहर एवं घने-कोहरे के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों को जारी किया आवश्यक दिशा-निर्देश
बलिया।। जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार ने शीत ऋतु का प्रारम्भ तथा आगामी दिनों में शीतलहर एवं घने-कोहरे के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड/निर्माण खण्ड, लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया है कि शीतलहर के दौरान कोहरे के कारण दुर्घटनाये होती है। दुर्घटनाओं को न्यून करने के लिए सड़को पर बने गड्ढों का मरम्मत कार्य तत्काल पूर्ण करा लिया जाय। इसके साथ ही डिवाइडर की मरम्मत एवं उसका रंगरोगन का कार्य मानक के अनुसार पूर्ण कर लिया जाय। सड़को पर गतिरोधक (Zebra Crossing) आदि पर पेटिंग का कार्य निर्धारित मानक के अनुसार सुनिश्चित किया जाय तथा अति संवेदनशील स्थानों जहां पर प्रायः दुर्घटनायें होती है, उन स्थानों को सूचीबद्ध कर दुर्घटना अवरोध /रक्षात्मक कार्य पूर्ण करा लिया जाय।उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि बीमारियों से बचाव शीतलहर के कारण आम जन को अनेक प्रकार की बीमारियां होने की सम्भावना बढ जाती है, विशेषकर सर्दी-जुकाम, पेट सम्बन्धी आदि से बचाव के लिए जिला मुख्यालय, समस्त पी.एच.सी./सी.एच.सी. पर आवश्यक दवाईयां उपलब्ध हो तथा किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर स्वास्थ्य केन्द्रों को 24X7 क्रियाशील रहने के लिए निर्देशित किया जाय।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि आगामी दिनों में शीतलहर के समय पशुओं को विशेषकर,उनके बछड़ों का टीकाकरण न होने के कारण खुरपका, मुंहपका आदि बीमारी होने की सम्भावना बन जाती है। पशुओं को इन रोगों से बचाने एवं सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाय तथा पशु चिकित्सालयों पर आवश्यक मात्रा में दवाओं आदि का भण्डारण सुनिश्चित किया जाय। पशु चिकित्सको के माध्यम से शीतलहर में पशुओं की सुरक्षा एवं बचाव के लिए जागरूक किया जाय। उन्होंने मुख्य अग्निशमन अधिकारी एवं समस्त तहसीलदार को निर्देशित किया है कि ग्रामीण अंचलों में ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाया जाता है परन्तु उसे ठीक ढंग से न बुझाए जाने के कारण अग्निकांड की घटनाएं घटित होने की सम्भावना रहती है। अग्निशमन विभाग द्वारा स्थापित अग्निशमन केंद्रों को आवश्यक संसाधनों सहित 24X7 कियाशील रखा जाय। साथ ही लेखपालों के माध्यम से ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कराकर अग्नि से बचाव हेतु ग्रामीणों को जागरूक किया जाय।
जिलाधिकारी ने समस्त अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शहरों के सड़क एवं मुहल्ले में स्थापित प्रकाश बिन्दु,जो खराब या क्षतिग्रस्त है,उन्हें तत्काल ठीक करा लिया जाय।
उन्होंने सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया है कि समस्त वाहनों पर नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर (रेडियम) लगवाना सुनिश्चित करें, ताकि वाहनों के मध्य उचित दूरी बनी रहे तथा दुर्घटनाओं को न्यून किया जा सके ।
जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि अलाव जलाने के लिए स्थलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध कर लिया जाय। इसके साथ ही क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों व सामाजिक कार्य में रूचि रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए स्वेच्छा से आवश्यक स्थानों पर अलाव जलवाने तथा गरीब एवं निराश्रितों को कम्बल वितरण के लिए प्रेरित करें। जिला मुख्यालय से शासन के निर्देशानुसार तहसीलो को कम्बल आवंटित किये जाते है। कम्बल प्राप्त होने पर गरीब एवं निराश्रितों को कम्बल वितरण कराना सुनिश्चित करेगें तथा वितरित किए जाने वाले कम्बल की दैनिक सूचना एवं उसकी गुणवत्ता के सम्बन्ध में रिपोर्ट उनके कार्यालय को प्रेषित करेगे।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारी/तहसीलदार/क्षेत्राधिकारी/समस्त अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया है कि नगर विकास विभाग द्वारा संचालित स्थाई व अस्थाई रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनों यथा-शौचालय,साफ सफाई,साफ पीने के पानी की व्यवस्था,गद्दे,कम्बल/रजाई आदि की व्यवस्था की जाय। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाय कि समस्त रैन बसेरे गुणवत्तापूर्ण ढंग से 24X7 क्रियाशील रहे। चिन्हित स्थाई व अस्थाई रैन बसेरों को हाइपोक्लोराइड से पूरी तरह सैनिटाइज कराया जाय। सार्वजनिक स्थानों जैसे-सड़क,पटरी,अस्पताल, बस स्टैशन, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक बाजार, इत्यादि में कोई भी असहाय व्यक्ति खुले में सोये पाया जाय तो उसे रैन बसेरा में पहुंचाया जाय। आपस में समन्वय स्थापित कर रात में भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति खुले में न सोये और यदि कोई व्यक्ति खुले में सोए पाया जाय तो उसे तत्काल नजदीकी रैन बसेरा मे पहुंचाया जाय।
जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जनपद के समस्त विद्यालयों में शिक्षको के माध्यम से ठंड से बचाव के लिए खान-पान के विषय पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित एवं जागरूक किया जाय। साथ ही उक्त जानकारी पोस्टर इत्यादि के माध्यम से प्रदर्शित किये जाय ।