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बलिया के शराब के थोक व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल को फर्जी फंसा कर जेल भेजवाना जिला आबकारी अधिकारी को पड़ा भारी, हो गये पैदल, बढ़ी इनके भी जेल जाने की संभावना



बलिया।। जनपद के प्रमुख शराब के थोक व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल को फर्जी मामले मे जेल भेजवाना बलिया के जिला आबकारी अधिकारी विष्णु देव दूबे पर भारी पड़ गया है। शासन ने इनके जिला आबकारी अधिकारी के पद से पैदल करते हुए लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। अब व्यवसायी को फर्जी तरीके से फंसा कर जेल भेजनें की कार्यवाही मे इनके भी आरोपी बनने की और जेल जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सूच्य हो कि इनके दो अधीनस्थ आबकारी निरीक्षक उपरोक्त साजिश मे जांच अधिकारी द्वारा आरोपी बनाये गये है और दोनों लोग चार्जशीट दाखिल होने तक गिरफ्तार के खिलाफ अग्रिम जमानत पर है।

 


बता दे कि पीड़ित शराब व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल के अनुसार श्री जायसवाल ने जिलाधिकारी बलिया से जिला आबकारी अधिकारी विष्णु देव दूबे की रोज रोज की अवैध वसूली की लिखित शिकायत की थीं, जिससे खार खा कर जिला आबकारी अधिकारी व इनकी टीम ने साजिश रचकर छितेश्वर जायसवाल के घर मे पहले रैपर का बैग रखवाया और फिर छापेमारी करके गिरफ्तार करते हुए जेल भिजवा दिया था।
जिला आबकारी अधिकारी के मुख्यालय से सम्बद्ध किये जाने की सूचना मिलते ही पीड़ित व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल ने प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी, आबकारी मंत्री श्री अग्रवाल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आशा व्यक्त किया है कि मुझको साजिश करके निरपराध होते हुए भी जेल भेजवाने वाले जिला आबकारी अधिकारी विष्णु देव दूबे को भी यथाशीघ्र जेल भेजनें का आदेश भी मुख्यमंत्री जी शीघ्र जारी करेंगे।

चार्जशीट दाखिल होने मे हो रही देर से पीड़ित को निराशा 
जेल से रिहा होकर अपने आपको निर्दोष साबित करने और साजिशकर्ताओ को बेनक़ाब करने वाले पीड़ित छितेश्वर जायसवाल स्थानीय कोतवाली पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने मे देरी से निराश है। इनका कहना है कि ज़ब पुलिस को वो सारे सबूत मिल गये है जिससे साबित हो गया है कि मै निर्दोष था और सारे साजिशकर्ताओ के नाम भी सामने आ चुका है, ऐसे मे मेरा नाम अबतक अपराधियों के साथ बनाये रखना और साजिशकर्ताओ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने मे देरी दुखी कर रही है। कहा है कि ज़ब मै निर्दोष साबित हो चुका हूं तो जांच अधिकारी द्वारा मेरा नाम निकालने की पर्चा अबतक क्यों नहीं काट कर माननीय न्यायालय को भेजा गया है, समझ से परे है।


                  यह है पूरा मामला 

बलिया।। पिछले दो मई को जिला आबकारी अधिकारी की अवैध वसूली की लिखित शिकायत जिलाधिकारी बलिया से करनी अंग्रेजी शराब के थोक व्यवसायी छितेश्वर जायसवाल को 11 मई 2024 को भारी पड़ गयी ज़ब इनके कटरे से दो बोरी शराब के बोतलों के रेपर बरामद कर स्थानीय व आबकारी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। थोक व्यवसायी चिल्लाता रहा कि मुझे फर्जी तरीके से साजिशन फंसाया गया है लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

जमानत पर जेल से छूटने के बाद छितेश्वर जायसवाल ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिये प्रयास करना शुरू किया तो स्थानीय सतनी सराय पुलिस चौकी के सीसीटीवी फुटेज मे वो साक्ष्य मिल गया। जिससे यह साबित हो गया कि साजिश के तहत दो युवकों द्वारा पिट्ठू बैग को व्यापारी के मकान मे रखा गया और ठीक आधे घंटे बाद आबकारी व पुलिस की टीम ने यहां पहुंचकर रेपर से भरे बैग को बरामद करके और छितेश्वर को बुलाकर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।


इससे अपने आप को अपमानित महसूस करते हुए छितेश्वर जायसवाल ने अपने शराब का कारोबार बंद करके माननीय मुख्यमंत्री से लगायत आबकारी मंत्री व उच्चाधिकारियो तक लिखित शिकायत कर इस प्रकरण की बाहरी टीम से जांच कराने की मांग की थीं। लखनऊ की टीम ने अपनी जांच के क्रम मे बैग मे भरकर रेपर श्री जायसवाल के मकान मे भरने वालों मे से एक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बयान के आधार पर पुनः एक को गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा संजय पाण्डेय फरार है। आबकारी निरीक्षक बांसडीह संदीप यादव के मोबाइल को जांच टीम ने पूंछताछ के बाद जब्त कर लिया है। दूसरे आबकारी निरीक्षक के छुट्टी पर  होने से उनका बयान दर्ज नहीं हो पाया है।

लखनऊ से आयी जांच टीम जिस हिसाब से जांच कर रही है, उससे आबकारी विभाग मे हड़कंप की स्थिति बन गयी है। बता दे कि छितेश्वर जायसवाल ने जिला आबकारी अधिकारी पर रोज दुकानों से वसूली करने का भी लिखित रूप से शिकायत की है। अब ज़ब आबकारी निरीक्षकों के बयान दर्ज होना शुरू हो गये है और गिरफ्तार अभियुक्तों के द्वारा जो खुलासे किये गये है (सूत्रों के अनुसार ) जिला आबकारी अधिकारी से भी जल्द पूंछताछ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकते है। इतना तो लगने लगा है कि लखनऊ की जांच टीम के राडार पर स्थानीय जांच अधिकारी भी हो सकते है। अब देखना है कि किसी को फर्जी मामले मे फंसा कर अपराधी बनाने की कोशिश करने मे शामिल साजिश कर्ताओं का जांच टीम कब उजागर करती है।







शराब कारोबारी मामले में आया नया मोड़

 बलिया।। पिछले दिनों आबकारी विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम के द्वारा शराब व्यवसायी के किराये पर चलने वाले घर पर छापेमारी के दौरान 8पीएम ब्रांड के टेट्रा पैक की खाली रिफिल पाउच दो बैग के अंदर बरामद की गई थी। 11 मई के इस प्रकरण में प्रशासन के द्वारा विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर शराब कारोबारी छितेश्वर जायसवाल को जेल भेज दिया गया था।


अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ निकल कर सामने आया है।शराब कारोबारी छीतेश्वर जायसवाल बेल पर बाहर आते ही पुलिस प्रशासन का काम स्वयं करने लगे।सीसीटीवी फुटेज खंघालना शुरू कर दिया। इनको सतनी सराय पुलिस चौकी द्वारा लगाये गये सीसीटीवी मे वो सबूत दिख गया जो इनको निर्दोष साबित कर देगा। सबूत कों हासिल करने या जांच अधिकारी कों अविलम्ब सौपने के लिये पुलिस अधीक्षक तक से छितेश्वर जायसवाल ने गुहार लगायी है।



वही प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया से छितेश्वर जायसवाल ने बताया कि मैं जेल से बाहर आते ही अपने घर के आसपास मौजूद सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया।मुझे कदम चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में उसे दिन का सारा फोटो वीडियो दिख गया।तस्वीर देख कर मै हक्का-बक्का रह गया।


 शराब कारोबारी ने बताया कि जो सीसीटीवी फुटेज मुझे दिखाया गया था उसमें साफ तौर पर दिखाई देता है कि 11मई 2024 को सुबह लगभग 9:30 बजे एक फोर व्हिलर आकर मेरे दरवाजे पर रूकती है।जिसमें से एक व्यक्ति पिट्ठू बैग पीठ पर लिए बाहर निकलता है, उसी समय एक  मोटरसाइकिल भी मेरे दरवाजे पर आकर रूकती है जिसमें पीछे बैठा व्यक्ति भी एक पिट्ठू बैग लिए सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रहा है।वह दोनों लोग मेरे घर के अंदर चले जाते हैं जहां से वापस आते समय उनके पीठ पर पिट्ठू बैग नहीं रहता है।शराब कारोबारी ने  बताया कि गाड़ी प्रशासनिक अधिकारी की  थी।शराब कारोबारी के द्वारा जिला आबकारी अधिकारी पर आरोप भी लगाया गया है।

आबकारी अधिकारी पर क्यों लग रहा है आरोप 

शराब कारोबारी छितेश्वर जायसवाल द्वारा जो आरोप आबकारी अधिकारी और आबकारी निरीक्षकों पर लगाये जा रहे है, उसके लिये जो कारण बताये है, उनकी जांच तो होनी ही चाहिये। आरोप लगाया कि साजिशन मेरे उस मकान मे दो व्यक्तियों से दो बैग रखवाया गया, जहां सिर्फ किरायेदार रहते है और पूरी तरह से खुला है। साथ ही यह भी जांच होनी चाहिये कि बैग रख कर रखने वाले चले गये, तो आबकारी अधिकारी कों तुरंत खबर कैसे मिल गयी और आनन फानन मे छापेमारी करा दिये।

छितेश्वर जायसवाल ने कहा कि मेरे साथ यह साजिश तब की गयी ज़ब मैने 2 मई कों जिलाधिकारी महोदय कों आबकारी अधिकारी के द्वारा अवैध वसूली का दबाव बनाने की लिखित शिकायत की गयी। अब सवाल यह उठता है कि ज़ब आरोप लगा है तो जांच जिलाधिकारी महोदय कों करानी चाहिये, जिससे सच क्या है, दुनिया के सामने आ सके।