एक्शन मोड मे बलिया के नवागत एसपी, शराब तस्करी पर रहेगी पैनी नजर, चाहे तस्कर हो, सफेदपोश हो या विभागीय, सब पर होंगी कार्यवाही
मधुसूदन सिंह
बलिया।। जनपद पुलिस की कमान संभालने के साथ ही नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ. ओमवीर सिंह ने बिहार का सीमावर्ती जनपद होने के कारण व बिहार मे शराब बंदी का फायदा उठाकर शराब की अवैध तस्करी करने वालों, और इनको संरक्षण देने वालों को कड़ा संदेश दिया है। डॉ सिंह ने साफ शब्दों मे चेताया है कि चाहे शराब तस्कर हो या उसको संरक्षण देने वाले सफेदपोश हो, सब पर नजर रहेगी और इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही अगर शराब तस्करी मे विभागीय लोगो की संलिप्तता पायी जाती है तो इनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मित्र पुलिसिंग पर रहेगा जोर
डॉ सिंह ने आगे कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाया जायेगा । कहा कि थानों पर आने वाली शिकायतों का समाधान तेजी से होगा। इसके लिए प्रत्येक थाने में एक दरोगा की तैनाती होगी, जो सुबह 9 बजे से 5 बजे तक जनता की शिकायतों को सुनकर संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे।इस काम के लिए उम्रदराज दरोगा को तैनात किया जाएगा, जो शालीनता के साथ संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं का निवारण करेंगे। यानी डॉ सिंह बलिया पुलिस की छवि को मित्र पुलिस के रूप मे बदलना चाहते है।
बढ़ती वारंटियों और वांछितों की संख्या चिंतनीय, गिरफ्तारी के लिए चलेगा विशेष अभियान
मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों के सवाल पर नवागत पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अवैध शराब के खिलाफ प्रभावी अभियान तो चलेगा ही, अपराधियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।जिले में वारंटियों और वांछित अपराधियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एसपी ने गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि हर थाने के स्तर पर वांछित अपराधियों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही उन्हें निर्धारित समय में गिरफ्तार करने का लक्ष्य रखा जाएगा।
डॉ सिंह ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए सीओ के नेतृत्व में एक प्रभावी अभियान चलाया जाएगा। वहीं, जिले में सक्रिय अपराधियों के गैंगों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन पर कड़ा अंकुश लगाने का पूरा प्रयास होगा। एक सवाल के जबाब में एसपी ने कहा कि स्नेचिंग और छिनैती की घटनाओं पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जाएगा।
मुक़दमो के दर्ज होने वाली संख्या मे बढ़ोत्तरी का इरादा
कहा कि उनका लक्ष्य है, प्रत्येक माह थानों पर 10 प्रतिशत अधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं, लेकिन झूठी घटनाओं पर आधारित तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी की आकस्मिक चेकिंग वे खुद करेंगे। यदि किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा कि थानों में साफ-सफाई और जनता के साथ बेहतर व्यवहार को लेकर उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
नरही, बैरिया, सिकंदरपुर, मनियर सहतवार थानो पर रखनी होंगी पुलिस अधीक्षक को कड़ी नजर
नवागत पुलिस अधीक्षक को अपनी सोच के अनुरूप अगर शराब तस्करी पर रोक लगानी है तो नरही, बैरिया, सिकंदरपुर, मनियर और सहतवार थानो पर विशेष नजर रखनी होंगी। क्योंकि ये वो थाने है जहाँ से बिहार प्रान्त के लिए सबसे ज्यादे शराब की तस्करी होती है। नरही थाना तो पूरी तरह से बदल देने के बाद भी इस धंधे को रोकने मे इस थाने के थानाध्यक्ष पूरी तरफ से असफल सिद्ध होते दिख रहे है। क्योंकि इनके कार्यकाल के आधे से अधिक सिपाही निवर्तमान पुलिस अधीक्षक द्वारा संदिग्ध पाए जाने पर हटा दिए गए, कुछ को निलंबित करते हुए मुकदमा लिखवा के जेल भेजवाने का भी कार्य किया जा चूका है। कमोवेश बैरिया, बांसडीह, सिकंदरपुर, सहतवार थाने की थी है। कच्ची शराब के लिए सिकंदरपुर, मनियर, रेवती, बैरिया थाने सर्वाधिक चर्चित है। अगर उपरोक्त थानो पर पुलिस अधीक्षक महोदय शिकंजा कसने मे कामयाब हो गए थे तो 60 प्रतिशत तस्करी रुकी।