टी डी कालेज बलिया मे आयोजित हुई विश्व मृदा दिवस पर संगोष्ठी
मृदा का सम्बन्ध हमारी आत्मा से है और हमारा जीवन भी इसी से -प्रो० धर्मेन्द्र सिंह संकाय अध्यक्ष - कृषि संकाय
डॉ सुनील कुमार ओझा
बलिया।। आज विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग, श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया में मृदा की देखभाल मापन, निगरानी, प्रबन्ध विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का उद्घाटन प्राचार्य प्रो० आर०एन० मिश्रा सर एवं प्रो० रामनरेश यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने मृदा के संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लगातार जल एवं वायु के प्रभाव में आकर मृदा का नुकसान होता। ततपश्चात डॉ० अनिल कुमार सिंह ने मृदा का माप, निगरानी एवं प्रबन्धन विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए मिट्टी एवं जीवन के आधार के बारे में जानकारी दी और कहा कि ए आई, डिजिटल तकनीक, आकड़े बद्ध एवं सूचना आधारित तकनीकों का प्रयोग समय के साथ-साथ आवश्यक है।
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार सिंह ने मृदा के जांच के उपकरण एवं उसके मापन के लिए जैविक, भौतिक एवँ रासायनिक विभिन्न आयामों और उनके लिए निर्धारित मानदण्डों के स्तर के साथ विस्तृत जानकारी दी। प्रो० धर्मेन्द्र सिंह, संकाय अध्यक्ष - कृषि संकाय ने कहा कि मृदा का सम्बन्ध हमारी आत्मा से है और हमारा जीवन भी इसी से है।डॉ० शिवेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि जुताई की अनावश्यक गतिविधियां भी मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, डॉ० मुनेद्र पाल ने बताया कि मृदा क्षरण प्रतिवर्ष हजारों टन पोषक तत्व का नुकसान से हो रहा है जिससे मृदा की उर्वरता बिगड़ रही है.।
डॉ० अजित कुमार सिंह ने भी उर्वरता को बनाए रखने हेतु विभिन्न जैविक एवं रासायनिक साधनों के प्रयोग से उत्पादन को समुचित रखा जा सकता है, डॉ० जय प्रकाश सिंह ने कहा कि सूक्ष्मजीवों का एक बड़ा संसार है जो मृदा में जैविक पदार्थों को विघटित करने के लिए जिम्मेदार है और मृदा का निर्माण करते हैं I डॉ० राम तीरथ ने आज के विषय पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का धन्यवाद आभार डॉ० अनिल कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन रिसर्च स्कॉलर नवीन कुमार शुक्ला एवं छात्रा निशु सिंह ने किया। इस मौके पर शोध छात्र मान्धाता सिंह, राम कुमार यादव एवं एम०एस-सी० एव बीएससी० के छात्र-छात्राए उपस्थित रह कर जानकारी हासिल किए।