जाने मौनी अमावस्या स्नान का क्या है महत्त्व
महाकुम्भ नगर।। मौनी (माघ)अमावस्या २८.०१.२५ को है। महाभारत में कहा गया है कि माघ मास के दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है, वहीं पद्मपुराण में उल्लेख है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं। यही वजह है कि प्राचीन ग्रंथों में नारायण को पाने का सुगम मार्ग माघ मास के पुण्य स्नान को बताया गया है, विशेषकर मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान खास महत्व का माना गया है।
खास बातें इसके बारे में-
०१ . माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से एक विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है।
०२. अमावस्या के दिन जप-तप, ध्यान-पूजन करने से विशेष धर्म लाभप्राप्त होता है।
०३. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर आचरण तथा स्नान-दान करने का विशेष महत्व है।
०४. शास्त्रों में वर्णित है कि माघ मास में पूजन-अर्चन व नदी स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है।
०५. घर पर स्नान करके अनुष्ठान करने वालों को पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए।
०६. इस दिन सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से गरीबी-दरिद्रता दूर होती है।
०७. जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर है, वह गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी।
०८. अमावस्या के दिन १०८ बार तुलसी परिक्रमा करें।
०९. इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।