तीन हजार से अधिक गायत्री साधकों ने दी विश्व कल्याण के लिए मन्त्रों के साथ यज्ञशाला मे आहुतियां, मुंडन विद्यारम्भ व यज्ञोपवीत संस्कार का भी हुआ आयोजन
बलिया।। शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग पर चल रहे 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को यज्ञशाला में तीन पालियों में हवन किया गया। जिसमें तीन हजार साधकों ने विश्व कल्याण के लिए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय, सूर्य गायत्री आदि मंत्रों से आहुतियां समर्पित की। इस बीच मुंडन , विद्यारंभ दीक्षा व यज्ञोपवीत संस्कार भी संपन्न हुआ। इस बीच वैदिक मंत्रों के साथ मुंडन, विद्यारंभ दीक्षा संस्कार संपन्न हुआ।
दिव्य औषधियुक्त हवन सामग्री के प्रयोग से वातावरण सुगंधित हो उठा है। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे पावन प्रज्ञा पुराण कथा वाचक राजकुमार भृगु ने कहा कि गायत्री सब मंत्रों तथा सभी विद्याओं में शिरोमणि है| उससे इंद्रियों की साधना होती है| गायत्री कामधेनु के समान मनोकामना को पूर्ण करती है| दुर्भाग्य, दरिद्रता आदि कष्टों को दूर करती है, पुण्य को बढ़ाती है, पाप का नाश करती है| गायत्री व यज्ञ देव संस्कृति के माता-पिता हैं। गायत्री शक्तिपीठ प्रमुख विजेंद्र नाथ चौबे ने बताया कि इस महायज्ञ की पूर्णाहुति शनिवार को होगी। नगर समेत जनपद के कोने कोने से आए गायत्री साधक भागीदारी कर रहे हैं।