टाउन पॉलिटेक्निक बलिया की प्रबंध समिति पर लटकी फिर से शासन की तलवार, आया माननीय उच्च न्यायालय का फैसला, जाने क्या है फैसला
बलिया।। टाउन पॉलिटेक्निक बलिया में प्रवक्ताओ की नियुक्ति मामले मे इलाहबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के डबल बेंच ने जिसमे मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह शामिल है, ने 17 जनवरी 2025 को अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले के बाद एक बार फिर से प्रबंध समिति के ऊपर भंग होने, परीक्षा को संचालित करने वालों पर एफआईआर दर्ज होने की तलवार लटकती हुई दिखती प्रतीत हो रही है।साथ ही इस प्रक्रिया के द्वारा तथाकथित चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति अब शून्य ही समझी जा सकती है। डबल बेंच द्वारा दिये गये फैसले के अनुसार न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की अदालत द्वारा 27 अक्टूबर 2023 को दिया गया फैसला सही है, अदालत इसमें कोई कमी नहीं देख रही है यानी 27 अक्टूबर 2023 को सिंगल बेच द्वारा दिया गया फैसला ही डबल बेंच का भी फैसला है। सिंगल बेंच द्वारा अपने फैसले मे राज्य सरकार द्वारा अपनी आपात कालीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रबंध समिति को भंग करने के आदेश को, भंग करने के लिये कारण न दर्शाने के कारण निरस्त कर दिया था ।
साथ ही माननीय न्यायालय ने कहा था कि नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतें सरकार को मिली है और इसकी जांच चल रही है। ऐसे में इस प्रकरण में न्यायालय कोई भी निर्देश जारी करने का कोई भी औचित्य नहीं समझ रहा है। यानी शासन द्वारा नियुक्तियों को शून्य कर जो जांच की जा रही है, वह जारी रहेगी।
बता दे कि टाउन पॉलिटेक्निक बलिया के पूर्व चेयरमैन कमलेश सिंह ने प्रबंध समिति द्वारा की गयी प्रवक्ताओ की नियुक्तियों मे भ्रष्टाचार होने की शिकायत शासन से की थी जिसके आधार पर शासन द्वारा 13 अक्टूबर 2023 को जारी प्रबंध समिति को भंग कर कंट्रोलर बैठाने, नियुक्तियों को शून्य करते हुए जांच शुरू कराने, दोषियों पर एफआईआर कराने, संस्थान के खातों से धन आहरण पर रोक लगाने के लिये निदेशक प्राविधिक शिक्षा परिषद कानपुर को दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ टाउन पॉलिटेक्निक बलिया की प्रबंध समिति के चेयरमैन राजीव कुमार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज की लखनऊ खंड पीठ में एक याचिका संख्या 9339 दाखिल की गयी थी और 13.10.23 के शासन द्वारा जारी आदेश को निरस्त करने की मांग की गयी थी।
इसी याचिका पर दिनांक 27.10.23 को माननीय न्यायाधीश श्री अब्दुल मोईन की अदालत में याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता श्री एलपी मिश्रा और सरकार की तरफ से चीफ स्टैंडिंग कॉउंसलिंग और कमलेश सिंह के अधिवक्ता श्री अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा अपनी अपनी दलीले पेश की गयी। याचिका कर्ता के अधिवक्ता जहां 13.10.23 के जारी आदेश को निरस्त कर याचिका स्वीकार करने की मांग माननीय कोर्ट से की, तो वही सरकार व कमलेश सिंह के अधिवक्ताओ ने याचिका को ख़ारिज करने की पुरजोर मांग की। दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से शुरू यह बहस 12 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हुई। लेकिन इसका फैसला 30 अक्टूबर 2023 को दोपहर बाद जारी हुआ।
माननीय न्यायालय ने एक तरफ जहां राज्य सरकार द्वारा अपनी आपात कालीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रबंध समिति को भंग करने के आदेश को, भंग करने के लिये कारण न दर्शाने के कारण निरस्त कर दिया। वही नियुक्तियों को शून्य कर सरकार द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। माननीय न्यायालय ने कहा कि नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतें सरकार को मिली है और इसकी जांच चल रही है। ऐसे में इस प्रकरण में न्यायालय कोई भी निर्देश जारी करने का कोई भी औचित्य नहीं समझ रहा है। यानी शासन द्वारा नियुक्तियों को शून्य कर जो जांच की जा रही है, वह जारी रहेगी। इस आदेश से चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइन कराने के लिये अभी प्रबंध समिति को और अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ेगा। माननीय न्यायालय के आदेश को अलग अलग रूप में लिया जा रहा है। श्री कमलेश सिंह के अधिवक्ता श्री अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा है कि वास्तव में यह आदेश 13.10.23 के आदेश के कुछ भागों को ही निरस्त कर रहा है, शेष को माननीय कोर्ट ने यथावत छोड़ दिया है।
प्रबंध समिति को मिली है फ़ौरी राहत, अभी भी बर्खास्तगी का खतरा बरकरार
माननीय उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच के आदेश से फ़ौरी तरह से चेयरमैन राजीव कुमार को तो अभी राहत मिल गयी है, लेकिन यह राहत मात्र शासन द्वारा जारी आदेश में कारण न बताने के कारण मिली है। शासन द्वारा अपना आदेश जारी करने के बाद उच्च स्तरीय जांच भी बैठायी गयी है, जिसकी रिपोर्ट शासन तक पहुंचने वाली है। इस रिपोर्ट के बाद एक बार फिर शासन अनियमितता मिलने पर अपनी आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग कर प्रबंध समिति को भंग कर सकता है। बता दे कि इस नियुक्तियों में परीक्षा शुल्क दो खातों में लिया गया है। 2016 में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर परीक्षा शुल्क प्रधानाचार्य टाउन पॉलिटेक्निक बलिया के खाते में लिया गया है जबकि 2022 में जो विज्ञापन जारी हुआ है उसका शुल्क अध्यक्ष प्रबंध समिति, टाउन पॉलिटेक्निक बलिया के खाते में लिया गया है, जिसका संचालन अध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा किया जाता है। जानकारी के अनुसार अध्यक्ष के नाम से बैंक खाता खोलने का प्रबंध समिति में कोई नियम नहीं है।