सीएमओ बलिया ने पकड़ा नियुक्तियों मे बड़ा फर्जीवाड़ा : आयोग से चयनित होकर आयी 15 स्टॉफ नर्स निकली फर्जी, निदेशालय स्तर से जुड़े हो सकते है फर्जीवाड़े के तार
मधुसूदन सिंह
बलिया।। संघ लोक सेवा आयोग उत्तरप्रदेश से चयन के बाद निदेशालय लखनऊ से बलिया मे तैनात की गयी 15 स्टॉनर्सो को संदिग्ध पाने पर सीएमओ बलिया डॉ विजय पति द्विवेदी ने उपरोक्त नर्सो के खिलाफ थाना कोतवाली मे एफआईआर दर्ज करा दी गयी है। अपने प्रशासनिक दायित्व के समाप्ति के लगभग एक सप्ताह पूर्व सीएमओ बलिया द्वारा की गयी इस कार्यवाही से बलिया से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। आरोपी सभी स्टॉफ नर्से विगत, लगभग 8 माह से फरार बतायी जा रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
सीएमओ डॉ विजय पति द्विवेदी ने कहा कि मेरे द्वारा निरीक्षण के दौरान आरोपी नर्सो मे से एक से महिलाओं से संबंधित सबसे सरल सवाल करके यह जानने का प्रयास किया गया कि जीएएनएम की पढ़ाई करने वाली इस नर्स को कितनी जानकारी है। लेकिन ज़ब आरोपी नर्स ने सही जबाब नहीं दिया तो मुझे संदेह हुआ। फिर मैंने सभी 15 नर्सो के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का आदेश करते हुए एक 7 सदस्यों वाली जांच टीम बनाकर जांच रिपोर्ट सौपने का आदेश दिया। जांच समिति ने भी अपनी रिपोर्ट मे उपरोक्त सभी के चयन को संदिग्ध बताया।
निदेशालय से दिया जाता रहा गोलमोल जबाब
सीएमओ बलिया ने आरोपित सभी 15 स्टॉफ नर्सो के डॉक्यूमेंट को वेरिफिकेशन के लिये महा निदेशक कार्यालय भेजा जाता रहा। लेकिन निदेशालय से पत्रों और मेल के माध्यम से जो जबाब आया वह गोलमटोल और अस्पष्ट था। दो सदस्यों वाली टीम लखनऊ जाकर इस प्रकरण की जांच की। निदेशालय से टीम को भी गोलमटोल जबाब दिया गया।
विभागीय मेल आईडी से पकड़ी गयी चोरी
फर्जी नियुक्तियों के इस मामले मे सीएमओ बलिया द्वारा भेजी गयी मेल का जबाब जिस मेल से आता था, उसकी स्पेलिंग देखने के बाद सीएमओ बलिया ने यह फर्जीवाड़ा पकड़ा है। सीएमओ बलिया डॉ विजय पति द्विवेदी ने कहा कि लखनऊ की मेल आईडी मे cell की जगह celll लिखा हुआ था। जबकि ओरिजिनल आईडी मे cell ही है। इसी आईडी से भंडाफोड़ हुआ।
निदेशालय स्तर से फर्जी नियुक्तियों के लिये कही चल तो नहीं रहा है फर्जीवाड़ा
बार बार सीएमओ बलिया के द्वारा पत्र भेजनें के बाद भी जिस तरह से आरोपी नर्सो के वेरिफिकेशन से संबंधित गोलमोल जबाब नहीं दिया गया और सीएमओ बलिया को गुमराह करने का प्रयास किया गया, इससे लगता है कि निदेशालय मे इससे संबंधित कोई गिरोह काम कर रहा है जो बलिया ही नहीं पूरे प्रदेश मे इस तरह की नियुक्तियों को आयोग के घोषित सफल अभ्यर्थियों के नाम को बदल कर दूसरे लोगों को नौकरी दिलाने का प्रयास कर रहे है।
आयोग के सफल अभ्यर्थियों की जगह दूसरे को करा रहे है नियुक्ति का प्रयास
सीएमओ डॉ विजय पति द्विवेदी ने कहा कि मैंने ज़ब संघ लोकसेवा आयोग उत्तरप्रदेश से चयनित अभ्यर्थियों की ओरिजिनल सूची मंगा कर ज़ब इन 15 लोगों के नामों को मिलाया तो उसमे काफ़ी भिन्नता मिली। नौकरी करने वाले आरोपी नर्सो के नाम के आगे दर्ज पिता का नाम भिन्न भिन्न दिखा। कहा कि मैंने अपने स्तर से त्वरित कार्यवाही करते हुए इन सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ सभी के वेतन को भी रोक कर करोड़ों रूपये बचा लिया है। अब देखना है प्रशासन इस की कबतक जांच कराता।