पड़ोसी के छज्जे से पुलिस ने खुद बरामद की बेहोशी की हालत मे किशोरी को, चार दिन बाद भी नहीं लिखी गयी एफआईआर, जाँच की बात कह रही है थानेदार
मधुसूदन सिंह
बलिया।। योगी जी की सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अभियान को पूरे जोरशोर से चला रही है, बच्चियों को, महिलाओं को किसी भी आपात परिस्थिति मे कैसे पुलिस की मदद ली जा सकती है, उसके प्रति जागरूक कर रही है। महिला पुलिस की तैनाती भी इसी उद्देश्य से की गयी है कि महिलाये अपनी आपबीती को बे झिझक बता सके। लेकिन अगर किसी थाने की थानेदार ही महिला हो और उसके थाना क्षेत्र मे कोई किशोरी बेहोशी की हालत मे पड़ोसी के छज्जे से पुलिस के द्वारा बरामद की जाती हो, जिसका चार दिन से इलाज चल रहा हो और महिला थानेदार तहरीर मिलने के बाद भी जाँच की बात कह रही हो तो क्या कहेँगे? क्या ऐसे ही होंगी बालिकाओं की सुरक्षा?
बता दे कि खेजुरी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग किशोरी को पुलिस ने पड़ोस के मकान से बेहोशी की हालत में 31 जनवरी की भोर मे बरामद किया था । बरामद लड़की का अभी इलाज बीएचयू में चल रहा है। वहीं लड़की के परिजन उसके साथ ज्यादती की आशंका जता रहे हैं। घटना 31 जनवरी की भोर की है। हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से कतरा रही है। वहीं पीड़ित पक्ष ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहाई लगाई है।
नाबालिग के पिता का आरोप है कि बीते 31 जनवरी की अहले सुबह करीब 4 बजे के आस पास उनकी नाबालिग पुत्री घर से गायब हो गई। परिजन उसकी खोजबीन शुरू किए लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी बीच किसी ने लड़की के पड़ोस स्थित एक मकान में होने की सूचना दी, जिसके आधार पर पीड़ित पक्ष ने इसकी सूचना थाने पर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोस के मकान के छज्जे पर बेहोशी की हालत में रखी गई, लड़की को बरामद कर लिया,उसकी स्थित ठीक नहीं थी।
लड़की की गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस सीएचसी खेजुरी ले गई, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया । दो दिन इलाज के बाद भी नाबालिग बच्ची की हालत में सुधार नहीं हुआ तो चिकित्सकों ने उसे बीएचयू रेफर कर दिया। जहां दो दिन उपचार के बाद सोमवार शाम को नाबालिग को होश आया।
परिजनों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में नाबालिग के साथ जोर जबरदस्ती की बात सामने आ रही है। होश में आने के बाद लड़की ने भी आपबीती सुनाई, जो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की पुष्टि करता है। बताया कि लड़की की स्थिति ठीक नहीं है। घटना के बाद से ही वह सदमे में है। इस संबंध ने एसएचओ खेजुरी अनिता सिंह का कहना है कि पीड़ित पक्ष की ओर से लिखित सूचना मिली है,जांच कर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। अब मोहतरमा को आरोपी के घर से बेहोशी की हालत मे इनकी ही पुलिस द्वारा नाबालिग किशोरी की बरामदगी पर शायद संदेह है या पीड़िता की हालत ख़राब है, इस पर यकीन नहीं है, तभी तो अभी भी एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। अब देखना है पुलिस अधीक्षक क्या रुख अपनाते है।