Breaking News

विश्वप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सलोनी प्रिया ने सनबीम स्कूल के प्रांगण में अभिभावकों को दिया बच्चों के सही पालन पोषण का मूलमंत्र

 






 बलिया।। यदि एक माली जागरूक हो तो बाग का प्रत्येक पुष्प अपनी सुगंध और सुंदरता  संग खिल जाता है। उसी प्रकार सक्रिय प्रबंध तंत्र व शिक्षकों के प्रयास से बच्चा-बच्चा ज्ञान से खिल जाता है। तेजी से बदलते शैक्षिक तकनीक में बच्चों के मानसिक अवस्था को सुदृढ़ करने व सकारात्मक पहलुओं को समाहित करने के उद्देश्य से माता-पिता, अभिभावकों को भी बच्चों की मनोदशा के प्रति जागरूक करने के  लिए बलिया के अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल में विश्व विख्यात मनोवैज्ञानिक सलोनी प्रिया की कार्यशाला आयोजन दिनांक 20 अप्रैल को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत विद्यालय सचिव  अरुण कुमार सिंह, निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह तथा प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ के साथ किया तत्पश्चात विद्यालय सचिव ने अपने संबोधन द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सभी अभिभावकों से सत्र को ध्यानपूर्वक सुनने की विनती की।सायंकालीन सत्र में गुड पेरेंटिंग  के अंतर्गत  अभिभावकों को उन्होंने बच्चों की मनोवृत्ति, उनकी जिज्ञासा, उनमें होने वाले बदलाव के विषय में बड़े बारीकी से समझाया।

 कहा कि बच्चों में हो रहे परिवर्तन को संज्ञान में लें। उनकी अवस्था के अनुसार अपने शब्दों व  शैली में परिवर्तन लाएं। उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ें। उन्होंने सत्र में वर्तमान समय के परिदृश्य से अभिभावकों को अवगत कराया। बच्चों की परवरिश के गुर सीखते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप अपने बच्चों का शारीरिक,मानसिक,सामाजिक और भावनात्मक विकास इस तरह करते हैं कि भविष्य में बच्चा एक जिम्मेदार और समझदार नागरिक बन सके।आज के युग के बच्चे अत्यंत तार्किक और जिज्ञासु है, अतः उनके परवरिश में हमे अत्यंत धैर्य से काम लेने की आवश्यकता है।उन्होंने अभिभावकों को गुड पेरेंटिंग के मूल तत्वों क्रमशः अपनत्व,,स्थिरता,बातचीत,सहयोग, उचित मार्गदर्शन आदि पर चर्चा की। अंत में उन्होंने अभिभावकों के प्रश्नों का बड़े सटीकता से तार्किक प्रत्युत्तर  देकर संतुष्ट किया तथा अभिभावकों के मन में बैठी असमंजसता को भी दूर किया।
विदित हो कि मनोवैज्ञानिक महोदया ने विद्यालय के 15 शिक्षकों को भी काउंसलिंग (पेस्टोरल गाइड) की ट्रैनिंग भी दी है।




      विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने कहा कि उच्च स्तरीय  कौशलयुक्त व्यापक होती आधुनिक शिक्षा का प्रभाव बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होने कहा, वे दबाव महसूस न करें अथवा तनावग्रस्त न हों। इसका ध्यान सनबीम स्कूल  सदैव करता है। आज का यह आयोजन भी जटिल ग्रस्त समस्याओं के समाधान के निमित्त ही किया गया है। हर बच्चा वो पौधा है जिसे बहुत बारीक निरीक्षण के साथ  समय समय पर उचित खाद रूपी मार्गदर्शन से  स्वस्थ रूप से बड़ा करना है।
अभिभावक बच्चों को पर्याप्त समय देकर उनकी दुविधा की स्थिति को दूर कर सकते हैं। समस्या चाहे जैसी भी हों। समाधान अवश्य होता है। बस जरूरत होती है समय रहते प्यार, दुलार, सलीके से सुझाव देने की। मित्रवत व्यवहार करने की ताकि विकासपरक अध्ययन के क्षेत्र में वे खुलकर सांस ले सकें।पहले  स्थितियां ऐसी नहीं थी परंतु बदलते परिवेश में कला व विज्ञान के साथ सुझाव की भी आवश्यकता है।
      प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों से निवेदन करते हुए कहा कि बच्चों को मनोवैज्ञानिक सलाह भी चाहिए ताकि निर्बाध वे अपने प्रगति की राह में आगे बढ़ते रहें। उन्हें अलगाव की स्थिति में न आने दें। बच्चे की रुचि जिस विषय में है उसे वही चुनने दें और एक सारथी की भांति निरंतर उनके साथ रहे और उनका मार्गदर्शन करते रहें।
     इस अवसर पर एडमिन एस के चतुर्वेदी, डीन एकेडमिक श्रीमती सहरबानो,  हेडमिस्ट्रेस श्रीमती नीतू पांडे कोऑर्डिनेटर्स पंकज सिंह, जयप्रकाश यादव,  निधि सिंह सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित थे।