पात्र होते हुए प्रधानमंत्री आवास से वंचित दलित को अम्बेडकर जयंती पर समाजसेवी विनोद सिंह ने दिया पक्का मकान का तोहफा, रखी मकान की नीव
श्रीमन तिवारी
बैरिया बलिया।। केंद्र सरकार हो राज्य सरकार गरीबों असहायों के लिये कई योजनाएं चला रही है। लेकिन इन योजनाओं मे भी भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि वास्तविक पात्र को इन योजनाओं का लाभ मिलना टेढ़ी खीर हो गयी है। ऐसा ही एक मामला बैरिया तहसील के जगदेवा गांव से सामने आया है। जहां एक दलित परिवार टूटी फूटी झोपड़ी मे रहने को मजबूर था, कई बार आवेदन किया था लेकिन आवास नहीं मिल पाया। लेकिन बैरिया के एक समाजसेवी विनोद सिंह ने इस परिवार का अपना पक्का घर का सपना, दलितों के मसीहा संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के जन्मदिन पर पूरा करने का काम किया है। श्री सिंह ने अपने पास से ढाई लाख रूपये खर्च करके इस दलित का मकान बनवा रहे है।
बता दे कि गरीबी की मार झेल रहे एक परिवार टूटी झोपड़ी के सहारे जीवन यापन कर रहा था। जब इसकी जानकारी नगर पंचायत बैरिया के समाजसेवी विनोद सिंह को लगी तो पीड़ित परिवार के घर जगदेवां पहुंच गए,और बाबा साहब भीमराव अंबेड़कर की जयंती पर एक दलित परिवार को अपने पक्के घर का तोहफा दिया है।बैरिया के समाजसेवी विनोद कुमार सिंह ने दलित महिला प्रभा देवी के पक्का मकान निर्माण के लिए भूमि पूजन किया।प्रभा देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था।लेकिन उन्हें आवास नहीं मिल पाया।वर्तमान में प्रभा देवी टूटी-फूटी झोपड़ी और टीन शेड में रहती हैं।उनकी स्थिति की जानकारी मिलने पर समाजसेवी विनोद सिंह ने मदद का फैसला किया।वे ढाई लाख रुपए की लागत से प्रभा देवी का पक्का मकान बनवा रहे हैं।उन्होंने कहा कि दो महीने में घर बनकर पुरी तरह तैयार हो जाएगा।प्रभा देवी के नाती उमेश ने बताया कि टूटे-फूटे घर में रहने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।पक्का मकान बनने से परिवार बेहद खुश है।
कार्यक्रम की शुरुआत में विनोद कुमार सिंह ने बाबा साहब भीमराव अंबेड़कर के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किया ।तत्पश्चात मकान निर्माण के लिए विद्वान पंडित के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन कर मकान के नींव में ईंट रखे।इस मौके पर उमेश पासवान,मोहन राम,देव नारायण पासवान,ब्रजेश यादव,जेपी मिश्रा,राजेश यादव,संतोष यादव,मनोज पासवान,लक्ष्मण पासवान,पतिराम पासवान,राहुल केशरी आदि उपस्थित रहे।